Friday, 17 January 2025

जेएनयू ओलम्पिक के लिए छात्रों का पंजीकरण से शुरू


नई दिल्ली, 17 जनवरी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् जेएनयू इकाई एवं खेलो भारत, संयुक्त तत्वाधान में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जेएनयू ओलिंपिक नाम से तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रही है। यह प्रतियोगिता 20 जनवरी से 22 जनवरी तक चलेगी। अभाविप जेएनयू के कार्यकर्ता सभी छात्रों तक पहुंच कर उन्हें इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है। तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का पंजीकरण आरम्भ हो चुका है और विश्वविद्यालय के अनेक छात्र  छात्राओं के उत्साहपूर्ण पंजीकरण लगातार प्राप्त हो रहे है। इस प्रतियोगिता में लगभग 1000 छात्र 24 प्रकार के विभिन्न खेलों में प्रतिभाग करेंगे ।  

इस प्रतियोगिता में 24 विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कई प्रकार के अन्तःकक्ष (इंडोर) खेल जैसे बैडमिंटन, टेबल टेनिस, चेस एवं कई प्रकार के बहिर्कक्ष खेल जैसे वॉलीबॉल, बास्केटबॉल आदि का आयोजन किया जा रहा है। एथलेटिक खेलों के साथ साथ खो-खो एवं कबड्डी जैसे पारम्परिक खेलो का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रिले रेस एवं टग ऑफ़ वॉर जैसे सामूहिक खेलों का भी आयोजन किया जा रहा है। जेएनयू ओलिंपिक का मुख्य आकर्षण यह है की इन प्रतियोगिताओं में दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए भी प्रतिभाग हेतु विशेष आयोजन किया गया है। दिव्यांग प्रतिभागियों हेतु  व्हीलचेयर रेस, शतरंज, मैराथन (विद एस्कॉर्ट) जैसे खेलो का आयोजन किया जा रहा है। विजेताओं को उपहार स्वरुप प्रमाणपत्र एवं मेडल प्रदान किये जायेंगे। इस अवसर पर अभाविप जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वरकान्त दूबे ने कहा, "हमारे विश्वविद्यालय में प्रथम बार इस स्तर पर एक खेल प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है। छात्र अत्यंत उत्साहित है और बड़ी संख्या में पंजीकरण करवा रहे है। "

इस अवसर पर अभाविप जेएनयू इकाई की मंत्री शिखा स्वराज ने कहा, "हमारे विश्वविद्यालय का नाम अकादमिक क्षेत्र में पहले से विख्यात है किन्तु हमे खेल के क्षेत्र में छात्रों का प्रोत्साहन किया जाना भी बहुत आवश्यक, जिससे छात्र अपने स्वास्थ्य एवं इस सम्बन्ध में करियर के प्रति भी जागरूक होते हैं। भारत के प्रधानमंत्री जी के आह्वाहन  को आगे ले जाते हुए हमें खेलों को हर विश्वविद्यालय तक ले जाना है, ऐसा संकल्प छात्र एवं सम्पूर्ण युवा वर्ग को लेने की आवश्यकता हैं। इसी उद्देश्य और संकल्प के साथ  जेएनयू  की अभाविप इकाई खेलो भारत के साथ मिलकर छात्रों के मध्य  जेएनयू  ओलम्पिक कर है "

खेलो भारत की जेएनयू इकाई संयोजक एवं  जेएनयू  में एम ए (पश्तो भाषा ) की छात्रा सौम्या सिंह ने कहा, “ खेलो भारत शैक्षिक परिसरों में छात्रों के मध्य खेलों के माध्यम से शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देने, एवं इस क्षेत्र में योग्य प्रतिभाओं के लिए अवसर की संभावनाएं प्रशस्त करने हेतु खेलों के माध्यम से छात्रों को प्रोत्साहित करने का कार्य देशभर में करती है। इन प्रतियोगिताएं में 24 विभिन्न खेलों के माध्यम से 1000 से अधिक छात्र छात्राएं 20 से 22 जनवरी के मध्य खेलों में प्रतिभाग करेंगे। दिव्यांग छात्रों के लिए भी व्हील चेयर रेस, चेस , एवं मैराथन विद एस्कॉर्ट जैसी प्रतियोगिताएं का आयोजन भी इस ओलम्पिक में होगा, जिसके लिए हम बहुत उत्साह से तैयारियों में लगे हैं।  इसी उद्देश्य से  जेएनयू परिसर में  जेएनयू ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा हैं। पहले दिन से ही छात्र छात्रों  द्वारा लगातार प्राप्त हो रहे पंजीकरण हमारे उत्साह को और बढ़ा रहे हैं।

राष्ट्रीय नेतृत्व के आश्वासन के बाद जय भगवान गोयल ने नामांकन नहीं भरा

चिराग जैन 


नई दिल्ली, 17 जनवरी। उत्तर पूर्व दिल्ली के रोहतास नगर और बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के चयन को लेकर  भाजपा कार्यकर्ताओं के भारी आक्रोश को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व को आज हस्तक्षेप करना पड़ा।  

वरिष्ठ भाजपा नेता श्री जय भगवान गोयल को टिकट नहीं देने के पार्टी के फैसले से नाराज हजारों कार्यकर्ताओं ने शाहदरा स्थित उनके कार्यालय के बाहर उनके समर्थन में प्रदर्शन किया और निर्दलीय लड़ने का अनुरोध किया। कार्यकर्ताओं का कहना था की पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर ही उन्होंने क्षेत्र में पूर्ण समर्पण भाव से काम करना शुरू किया और अचानक कल शाम एक अप्रत्याशित उम्मीदवार को बाबरपुर से टिकट देकर पार्टी आला कमान ने कार्यकर्ताओं के भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। भगवा झंडों की भरमार जय भगवान गोयल संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं और जय श्री राम के गगन भेदी नारों के बीच शाहदरा मुख्य चौक का नजारा देखते ही बनता था। श्री गोयल पर स्थानीय जनता द्वारा नामांकन पत्र भरने के दबाव की खबरों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने तुरंत अपने प्रतिनिधि के रूप में उत्तर पूर्व दिल्ली के सांसद श्री मनोज तिवारी को श्री जय भगवान जी को मनाने के लिए भिजवाया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के अधिकारी तथा कई सामाजिक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी भी श्री गोयल को मनाने उनके कार्यालय पहुंचे। श्री जय भगवान गोयल ने अपने आप को कार्यकर्ताओं के समक्ष विवश बताया जिस पर श्री मनोज तिवारी ने स्वयं कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। श्री गोयल को मनोनीत करने के प्रबल मांग के बीच में, श्री तिवारी ने उनके समर्थकों को पार्टी अध्यक्ष श्री नड्डा जी की ओर से आश्वासन दिया की जल्दी ही श्री गोयल को महत्वपूर्ण और सम्मानजनक दायित्व संगठन में दिया जाएगा। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से पार्टी द्वारा मनोनीत उम्मीदवारों को भरपूर समर्थन देने और आम आदमी पार्टी सरकार को परास्त करने के लिए करबद्ध अनुरोध किया। इस अवसर पर श्री गोयल ने कार्यकर्ताओं को उनके अपार स्नेह और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वे भाजपा के एक अनुशासित सिपाही हैं। पार्टी के नेतृत्व द्वारा दिए गए आश्वासन पर ही उन्होंने क्षेत्र में काम शुरू किया था लेकिन आज जो भी पार्टी का निर्णय है वह उनके लिए मान्य हैं। उन्होंने कहा कि उनको कोई पद की लालसा नहीं है लेकिन क्षेत्र के जनता के प्रति पूर्णतः समर्पित है और चाहे सीट मिले या ना मिले उनके सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पार्टी और दिल्ली के जनता के व्यापक हित में अपना दावा वापस लिया और अपने समर्थकों को पार्टी में एक जुटता बनाए रखने की अपील की और भाजपा की सफलता के लिए कार्य करने के लिए आह्वान किया।

इस अवसर पर विश्वहिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंघल, एमएसएमई फोरम के चेयरमैन व वरिष्ठ भाजपा नेता श्री रजनीश गोयनका, रोहताश नगर क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी श्री जितेन्द्र महाजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, साथ ही महामंडलेश्वर वेदमूर्ति पाताल भैरव बाबा, डॉ. राधाकांत वत्स, स्वामी बालयोगी जी, गोविन्द शास्त्री जी, स्वामी सूर्यदेव चेतन्य ने संत समाज का प्रतिनिधित्व किया। यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेन्द्र मोहन गुप्ता एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ईश्वर पाल चौधरी और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र मनचंदा भी मौजूद रहे। 

यह उल्लेखनीय है कि श्री गोयल पहले रोहतास नगर क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी करने का निर्देश दिया गया। श्री गोयल ने इसको पार्टी का निर्देश मानकर खुशी खुशी स्वीकार कर लिया और चुनाव की घोषणा से पहले ही कई जनसभाएं बाबरपुर क्षेत्र में कर दी। बाबरपुर मुख्य बस टर्मिनल में की गई सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के अनेक बड़े नेता भी सम्मिलित हुए थे। श्री गोयल ने बाबरपुर क्षेत्र के करीब 20000 युवक एवं युवतियों को भी शिवास्त्र धारण करवा कर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस दी थी।

यहां यह बताना आवश्यक है कि श्री गोयल रोहतास नगर क्षेत्र में पिछले 40 वर्षों से सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय है। उन्होंने न केवल करीब 500 गरीब  परिवारों की कन्याओं की सामूहिक शादी करवाई बल्कि उनके कार्यालय में सैकड़ो स्थानीय निवासी अपनी निजी एवं सार्वजनिक समस्याएं लेकर आते रहते हैं जिनका समाधान करवाया जाता है।

Thursday, 16 January 2025

श्मशान की राख मल कर शाहदरा विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए एंबुलेंस मैन जितेंद्र सिंह शंटी ने राघव चड्ढा के साथ रैली का नेतृत्व किया।

चिराग जैन 

शाहदरा। प्रमुख राजनीतिक नेता और सामुदायिक कार्यकर्ता, जितेंद्र सिंह शंटी ने आज आगामी विधान सभा चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के लिए शाहदरा में एक उत्साही रैली का नेतृत्व किया। स्थानीय लोगों का भारी समर्थन बटोरते हुए शंटी के साथ आप नेता राघव चड्ढा भी मौजूद थे।

शंटी जी ने श्मशान घाट पर मत्था टेका। भगवान शिव के आशीर्वाद के रूप में अ


पने माथे पर राख लगाई

शाहदरा के मध्य से शुरू हुई रैली में हजारों समर्थक शामिल हुए, जिन्होंने बैनर लिए और शंटी की उम्मीदवारी के समर्थन में नारे लगाए। शंटी के नामांकन पत्र औपचारिक रूप से जमा करने के लिए जुलूस के चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचने पर माहौल उत्साह और आशावाद से भर गया।

सभा को संबोधित करते हुए, जितेंद्र सिंह शंटी ने शाहदरा के निवासियों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए अथक रूप से काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रोजगार के दबाव वाले मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, उन्हें सक्रिय कानून और सामुदायिक आउटरीच के माध्यम से संबोधित करने का वादा किया।

शाह ने कहा, ''हम आज शाहदरा के लोगों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। आम आदमी पार्टी के समर्थन से हम वह बदलाव लाएंगे जिसका यह निर्वाचन क्षेत्र हकदार है।

राघव चड्ढा, जिन्होंने रैली में भी बात की, ने क्षेत्र में शंटी के प्रयासों और नेतृत्व की प्रशंसा की, इस बात पर जोर दिया कि शंटी का अनुभव और सामाजिक कारणों के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें विधान सभा के लिए सही विकल्प बनाती है। चड्ढा ने भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और प्रगतिशील दिल्ली के लिए पार्टी के दृष्टिकोण पर जोर दिया, जिसमें शाहदरा इसके विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र है।

उन्होंने कहा, ''मुझे विश्वास है कि जितेंद्र शंटी के नेतृत्व में शाहदरा में बदलाव देखने को मिलेगा। जमीन पर उनका काम और लोगों के साथ उनका जुड़ाव उन्हें इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाता है।

सामाजिक कल्याण में अपने काम और समुदाय में सक्रिय भागीदारी के लिए जाने जाने वाले शंटी अब राजनीतिक नेतृत्व की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। शाहदरा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य में उनका प्रवेश एक महत्वपूर्ण क्षण है।

नामांकन दाखिल करने से आज एक उत्साही और गतिशील चुनाव अभियान के लिए मंच तैयार हो गया है, जिसमें शंटी और उनके समर्थकों ने शाहदरा के मतदाताओं का विश्वास जीतने के लिए अथक प्रयास करने का संकल्प लिया है।

ABVP's Central Working Committee Meeting to be held in Jodhpur on 18-19 January


Jodhpur, 16 January. Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad will hold its two day Central Working Committee Meeting on 18-19 January 2025, in the historic city of Jodhpur, Rajasthan. The meeting will set the discourse on organizational, educational, social, environmental and cultural aspects and will set the direction for future programs. Representatives from across the country will participate in the meeting, reviewing various campaigns and activities while formulating future strategies. 

ABVP National General Secretary, Dr. Virendra Solanki addressed the press today in Jodhpur and put forth the key topics related to the meeting and the organization’s upcoming events. Representatives from across the country will present reviews of the campaigns and activities ongoing in their respective regions, which will help establish coordination in the organization’s work. This step will be a guiding force to align all the goals in the right direction. 

The meeting will include a review of 2024-2025 programs and discussions on new plans for 2025-2026. Special events like Parisar Chalo Abhiyan, 75th anniversary of the drafting of Indian Constitution, 200th birth anniversary of Swami Dayanand Saraswati, 500th birth anniversary of Rani Durgavati and 150th birth anniversary of Bhagwan Birsa Munda. Moreover, workshops will be organized to enhance skill sets of the members, strengthening the organization’s functionality. 

The meeting will also conduct in depth discussions on  key topics related to the upcoming "Vichaar Baithak" scheduled to be held in Dwarka in coming days. These topics will include discourse on the direction and course of student movement. Furthermore, measures to ensure greater youth participation in nation building through ABVP will be discussed. The meeting will serve as an important step towards organizing the youth and enhancing their contributions to the nation's development. 

ABVP National General Secretary, Dr. Virendra Solanki stated, "In this era of technological advancement,  students should play a leading role in fields of technology and innovation. The organization will prioritize focus on technological innovations and digitizations. Furthermore, efforts will be made to promote entrepreneurship and start ups among the youth to foster self reliance. Integrating India's traditional knowledge systems and cultural value is the need of today. Solid steps must be taken to ensure effective implementation of National Education Policy so that the education system evolves in harmony with the nation's culture."

The meeting will also witness the special presence of Rashtriya Swyamsevak Sangh Sah Sarkaryawah Shri Mukund C. R. who will guide with his insightful address, instilling enthusiasm and energy among the delegates. 

The ABVP'S CWC meeting will be a milestone in the direction of comprehensive development of education, culture,  society and organization. The aim of our organization is to foster students for better leadership roles and bring positive societal change to establish nation as a strong and prosperous one.

शिक्षा में भारतीयता पर होगी चर्चा


जोधपुर,16 दिसंबर।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक 18-19 जनवरी 2025 को राजस्थान के ऐतिहासिक नगर जोधपुर में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में संगठनात्मक, शैक्षणिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक विषयों पर गहन चर्चा होगी तथा आगामी कार्यक्रमों की दिशा तय की जाएगी। देशभर से आए प्रतिनिधि इस बैठक में भाग लेंगे और विभिन्न अभियानों की समीक्षा के साथ भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेन्द्र सोलंकी ने जोधपुर में आज मीडिया को संबोधित किया और बैठक से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों एवं संगठन की आगामी योजनाओं की जानकारी साझा की। बैठक में देशभर से आने वाले प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे अभियानों और गतिविधियों की समीक्षा प्रस्तुत करेंगे, जिससे संगठन के कार्यों में समन्वय स्थापित होगा। इससे सभी इकाइयों को समान दिशा में कार्य करने का मार्गदर्शन मिलेगा।

बैठक में सत्र 2024-25 के कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी और सत्र 2025-26 के लिए नई योजनाओं पर चर्चा होगी। "परिसर चलो अभियान”, भारतीय संविधान निर्माण के 75 वर्ष, स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती, रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती, और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जैसे विशेष उपलक्ष्यों पर योजनाएं बनाई जाएंगी। 

साथ ही इस बैठक में आगामी दिनों में द्वारका में आयोजित होने वाली ‘विचार बैठक’ के भी अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन किया जाएगा। इन विषयों में छात्र आंदोलन की दिशा और दशा को लेकर चर्चा की जाएगी। साथ ही, अभाविप द्वारा भविष्य में युवाओं की राष्ट्र निर्माण में सहभागिता को सुनिश्चित करने के उपायों पर विचार किया जाएगा। यह बैठक युवा शक्ति को संगठित कर राष्ट्र के विकास में उनके योगदान को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। इसके अतिरिक्त, कार्यकर्ताओं की क्षमता विकास के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे संगठन की कार्यप्रणाली को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी ने कहा कि तकनीकी प्रगति के इस युग में विद्यार्थियों को तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।संगठन द्वारा तकनीकी जागरूकता और डिजिटलिकरण से जुड़े कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही, युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप के प्रति जागरूक किया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों का समावेश समय की आवश्यकता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए ताकि शिक्षा प्रणाली राष्ट्र की प्रकृति और संस्कृति के अनुरूप विकसित हो सके।

इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह माननीय श्री मुकुंद सी. आर. विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे और अपने विचारों से कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे। उनके मार्गदर्शन से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा।

अभाविप की यह केंद्रीय कार्यसमिति बैठक शिक्षा, संस्कृति, समाज और संगठन के समग्र विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। परिषद का उद्देश्य विद्यार्थियों को नेतृत्व के लिए तैयार करना और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है, ताकि भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जा सके।

Saturday, 11 January 2025

स्व भास्कर राव कलंबी जी का स्मृति दिवस


नई दिल्ली, 12 जनवरी। भास्कर राव ऐसे एक प्रबुद्ध व्यक्ति थे, जो गांधीजी और दीनदयाल उपाध्याय के उच्च आदर्शों के साथ एकाकार हो गए और उन्होंने अपना जीवन पूरे भारत में धर्म, राष्ट्रवाद और जनजाति विकास के लिए समर्पित कर दिया।

उनके जीवन का दूसरा अवतार 1984 में भारत के सबसे बड़े जनजाति सेवा संगठन वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़ना था। वनवासी कल्याण आश्रम ने उनके मार्गदर्शन में वनवासी समाज के लिए बेहतरीन सेवा परियोजनाएं, नए छात्रावास, चिकित्सा केंद्र, स्कूल और साक्षरता कक्षाएं देखीं। उन्होंने मदद की और प्रत्येक स्वयंसेवक को कभी ऐसा नहीं लगा कि उनकी मदद एक 'बोझ' की तरह है जिसे चुकाया जाना है।

भास्कर राव जी दयालु, मृदुभाषी, सौम्य और बहुत विनम्र थे। जब मैं उनके शुरुआती वर्षों को देखता हूं तो मुझे आश्चर्य होता है कि कैसे एक बीस वर्षीय युवा लड़का समाज के लिए अपना जीवन देने का फैसला कर सकता है, जबकि उस समय उसके पास एलएलबी की डिग्री थी, जब वकील होने का मतलब एक उच्च प्रोफ़ाइल, आरामदायक समृद्ध जीवन था।

उनकी सादगी, विनम्र स्वभाव, सबसे साधारण युवा से सर्वश्रेष्ठ को बाहर निकालने की असाधारण क्षमता- उनकी खूबी थी वनवासी कल्याण आश्रम के विकास में उनका योगदान अभूतपूर्व है। उन्होंने पूरे भारत में जनजाति क्षेत्रों में हजारों स्कूलों, छात्रावासों की मदद की। यह उनके लिए एक नई दुनिया थी - क्योंकि जनजाति भारतीय परिवेश का एक बहुत ही अलग ताना-बाना बनाते हैं, जो शानदार है लेकिन फिर भी कई प्रतिकूल परिस्थिति से घिरा हुआ है जो उन्हें अमीर शहरी व्यापारियों, खनिकों, नौकरशाहों और निश्चित रूप से धर्मांतरण की विदेशी वित्तपोषित साजिशों द्वारा शोषण के लिए असुरक्षित बनाता है। यह अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है कि हालांकि जनजाति समाज भारत की जनसंख्या का सिर्फ आठ प्रतिशत हैं, लेकिन उग्रवाद, आतंकवाद और विदेशी नियंत्रित गतिविधियों जैसे भारत के विकास के लिए हानिकारक एजेंसियों के माध्यम से अन्य धर्मों में धर्मांतरण की 98 प्रतिशत से अधिक घटनाएं अकेले वनवासी क्षेत्र में होती हैं।

बहुत जल्द भास्कर राव ने स्थिति को समझ लिया और उन्होंने वनवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर ध्यान केंद्रित किया ताकि वे अपने पर्यावरण के बारे में जागरूक हो सकें, खतरों को समझ सकें और शोषक ताकतों का शिकार होने की अपनी भेद्यता को कम कर सकें। वे कहते थे, जो नहीं समझेंगे कि शोषण का क्या मतलब है और न ही आप भूखे लड़के को धार्मिक ग्रंथ पढ़ा सकते हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाइए, उन्हें अच्छी शिक्षा दीजिए और आपके पास एक नए भारत के पुनर्निर्माण के लिए तैयार प्रतिभाशाली, जागरूक देशभक्त भारतीय होंगे। अच्छी शिक्षा न केवल समृद्धि और स्वास्थ्य की कुंजी है, बल्कि देशभक्त भारतीयों को तैयार करने की भी कुंजी है जो मातृभूमि के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।

महान विचारों को उन्होंने इतनी खूबसूरती से समझाया कि उन्हें और अधिक विस्तार से बताने या प्रतिक्रियावादी, आक्रामक मोड में जाने की शायद ही कोई आवश्यकता थी। वे हमारे लिए, भारत के लिए वह सब कुछ थे, जो हम महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व में देखते हैं। भास्कर राव वास्तव में हमारे समय के महात्मा थे।

(तरुण विजय)

दिल्ली का खान मार्केट और फ़क़ीर चंद बुक स्टोर

करुणानयन चतुर्वेदी  

पिछले दिनों भ्रमण के सिलसिले में दिल्ली के खान मार्केट जाना हुआ। कुछ बंधु भी मेरे साथ भ्रमण के दौरान साथ में थे। यह दिल्ली कितनी दिलदार है। आप जहाँ भी जाएं आपको एक नया अनुभव प्राप्त होता है। कितनी बार ही आप उस जगह से गुजरे होंगे, वहाँ रुकेंगे होंगे। लोगों से बातें की होंगी। लेकिन ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपने हर बार अलग अनुभव नहीं महसूस किया हो। यह शहर हमेशा आपको चकित करता रहता है। इस शहर में आपको हमेशा नयापन दिखाई देगा।

ख़ैर मैं खान मार्केट में प्रख्यात फ़क़ीर चंद एंड सन्स बुक स्टोर को एक्सप्लोर कर रहा था। इसी क्रम में एक कॉन्टेंट क्रिएटर मुझसे मिल गए। महानुभाव कहने लगे आप इस बुक स्टोर का रिव्यू दे दीजिए। मैं रिव्यू देने के लिए तैयार हो गया। किंतु उन्होंने एक डेमो शूट करने का प्रस्ताव रखा ताकि उनको विश्वास हो जाए कि मैं उनके वीडियो के अनुसार बोल पा रहा हूँ कि नहीं। यह प्रक्रिया जैसे ही खत्म हुई, श्रीमान कहने लगे कि आपकी हिंदी काफ़ी अच्छी और शुद्ध है। इसमें थोड़ा इंग्लिश के शब्दों का इस्तेमाल करें ताकि मेरे दर्शक आसानी से वीडियो से जुड़ सकें। इस विषय पर उनके साथ मेरी काफ़ी देर बहस हुई । इस दौरान मैंने उनसे कहा कि अंग्रेज़ी मेरी अच्छी नहीं है। आप मेरे मित्रों से बात कर सकते हैं वह अंग्रेज़ी में सहज हैं। इस क्रम में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि मेरी अंग्रेज़ी उतनी अच्छी नहीं है। लेकिन जब उन्होंने अंग्रेजी के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया तो मुझे आपत्ति हो गई। हालांकि थोड़ी देर की बातचीत के बाद श्रीमान कहने लगे कि अंग्रेज़ी से उन्हें भी दिक्कत है। भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हिंदी में बोलना चाहिए। लेकिन मेरी मजबूरी है कि दर्शकों को ध्यान में रखकर वीडियो बनाना पड़ रहा  है। इसीलिए मैं ऐसा कर रहा हूँ। ख़ैर बहस के बाद उन्होंने मेरा रिव्यू लिया और अंत में मेरी हिंदी की सराहना भी की। 

असली बात यह है कि उस व्यक्ति के एक समय पर  दोहरे चरित्र से मैं अवाक रह गया। एक समय हिंदी की शुद्धता को लेकर व्यथित व्यक्ति तुरन्त बहस में फंसने पर अंग्रेज़ी को ही अपशब्द कहने लगा। वह विचलित हो गया उससे कुछ सूझ ही नहीं रहा था। इस घटना का सार यही है कि हिंदी से भी आप लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। जब मैं भारत के सबसे महंगे मार्केट में देशी विदेशी लोगों की मौजूदगी में हिंदी को लेकर नहीं झुका और सम्मान से यह कह सका कि मैं हिंदी भाषी हूँ तो इसमें इस भाषा का और मेरे गुरुजनों का ही योगदान है। जिनके मार्गदर्शन में मैं और बेहतर हो रहा हूँ।