Thursday, 11 December 2025

उद्यमिता विषय पर कार्यशाला का आयोजन


नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। शिक्षा विभाग दिल्ली सरकार नींव परियोजना के अंतर्गत डायलॉग का आयोजन राजकीय बाल उच्च विद्यालय पुरानी सीमापुरी में किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स की सहायक आचार्य  डॉ. आकांक्षा खुराना ने विद्यार्थियों को “उद्यमिता (Entrepreneurship)” विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया। 

 उन्होंने अपनी विशेष रूप से तैयार की गई प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से उद्यमिता की अवधारणा, सफल उद्यमियों के गुण, जोखिम उठाने की क्षमता, उद्यमी सोच (Entrepreneurial Mindset), उद्यमिता की प्रक्रिया, व्यवहार्यता विश्लेषण, बिज़नेस मॉडल के मुख्य अवयव, वित्तीय साक्षरता तथा आधुनिक तकनीक की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर छात्र छात्राओं को सरल एवं प्रभावी तरीके से जागरूक किया। 

प्रस्तुतीकरण के दौरान डॉ. खुराना ने विद्यार्थियों को क्विज़, केस स्टडी (ज़ोमैटो, पेटीएम, मेशो आदि) तथा विभिन्न अभ्यासों (Opportunity Spotting, Business Model Canvas, Risk Assessment, Elevator Pitch आदि) के माध्यम से सक्रिय रूप से सम्मिलित किया, जिससे बच्चों में रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच का विकास हुआ। 

उन्होंने प्रश्नावली के माध्यम से विद्यार्थियों से उद्यमिता, स्टार्टअप, जोखिम प्रबंधन, डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े प्रश्न पूछे तथा उनकी शंकाओं का समाधान करते हुए उन्हें भविष्य में स्वयं रोज़गार सृजक बनने के लिए प्रेरित किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्रमुख श्री देवेंद्र कुमार ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नींव परियोजना के डायलॉग–2 के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा बताया कि इस प्रकार के संवाद कार्यक्रम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास कैरियर जागरूकता और 21वीं सदी के कौशलों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने छात्रों को ऐसी सभी शैक्षिक एवं सह–पाठ्यचर्या गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए उत्साहित किया।

नींव परियोजना के इंचार्ज श्री राजेश कुमार ने मुख्य अतिथि डॉ. आकांक्षा खुराना का औपचारिक परिचय कराया और कार्यक्रम की रूपरेखा पर  विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. संदीप कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व प्रधानाचार्य श्री आर. के. गौतम, श्री तरुण झा, श्री प्रभाकर प्रसाद श्रीवास्तव, श्री पंकज पांडेय, श्री जीत बहादुर त्रिपाठी, डॉ. विवेक तिवारी, श्री लाखन सिंह, श्री आदिल, श्री शिव कुमार शर्मा, श्री राकेश, श्री ललित, श्री जितेंद्र, श्री महबूब आलम, श्री राजकुमार, श्री राम भवन, श्री सचिन, श्री अजीत यादव, श्री पवन, श्री शजर, अमित, अनुभव, महेश, रुचि, आरुषि, नमरा आदि शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

हिन्दुथान समाचार ने सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और संघ के सौ साल विषय पर गोष्ठी का आयोजन


नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। बहुभाषी समाचार एजेंसी हिंदुस्थान समाचार ने संघ के 100 साल होने पर सामाजिक-संस्कृति चेतना और संघ के सौ साल विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया।यह आयोजन नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के समवेत सभागार में हुआ।

मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि भारत ने अनेकता को एकता के रूप में लिया, इसीलिए वह विश्व गुरु है। उन्होंने परम्परागत ज्ञान परम्परा पर  चर्चा करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज शक थे कि हूण थे, इसपर हिंदुस्थान समाचार को काम करना चाहिए। भारत विश्व गुरु भी है और सोने की चिड़िया भी है। डॉ हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को जन्म नहीं दिया,  यह अवतरित है। हम बड़े किस्मत वाले हैं कि संघ के सौ साल मना रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ थ्योरी नहीं प्रेक्टिकल है। गांधीजी ने कहा था कि विभाजन मेरी लाश पर होगा लेकिन बापू क्यों झुक गए यह रहस्य है। उन्होंने भारत विभाजन की विभीषिका पर विस्तार से बोला और कहा कि हमने अपनी संस्कृति के लिए युद्ध लड़ा है। उन्होंने अपने प्रचारक जीवन की बहुत सारी कहानियां सुनाई। अंत में कहा कि भारत विश्व गुरु है, विश्व गुरु था और विश्व गुरु रहेगा। 

मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण करता है। संघ राष्ट्रीय पुनुरूथान का प्रतीक है। संघ समाज में अथक परिश्रम करता है। संघ सांस्कृतिक व सामाजिक उत्थान का कार्य करता है। इसके साथ ही उन्होंने पंच परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें भारत का भविष्य छुपा हुआ है। संघ आज सबसे अधिक प्रासंगिक है।

विशेष उपस्थिति हिंदुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविन्द भालचंद्र मार्डीकर जी की रही। उन्होंने हिंदुस्थान समाचार एजेंसी का परिचय देते हुए स्वातंत्र्य वीर सावरकर जी की भारतीय भाषा के प्रति निष्ठा पर प्रकाश डाला। आपातकाल में एजेंसी की संघर्षगाथा पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि हिंदुस्थान समाचार 16 भारतीय भाषाओं में समाचार प्रकाशित करता है। उन्होंने दिल्ली सरकार से दिल्ली में हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के लिए दफ़्तर की भी मांग की। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री रामबहादुर राय ने पत्रिका के बहाने रामसेतु का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि संघ को जानना है तो डॉ हेडगेवार के आस पास के लोगों को जानना जरूरी है। युगवार्ता पत्रिका में इसका वर्णन है। उन्होंने कहा कि 2025 को संघ के सौ साल की यात्रा पूरी करने व बंकिमचंद्र चटोपाध्याय के बंदेमातरम 150 साल पूरे करने के लिए याद किया जाएगा। 1925 में संघ ने यात्रा शुरू की आज वह जीवन के हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। वामवादी आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा कि उसी साल लेफ्ट पार्टी की स्थापना हुई थी, वह आज कहा है? संघ की सबसे बड़ी विजय अयोध्या में राम मंदिर है। पत्रिका में प्रकाशित श्यामजी गुप्त के एक संस्मरण का जिक्र करते हुए बताया कि जनजातीय क्षेत्र में एकल विद्यालय की चिंता भावराव देवरस किया करते थे, जो आज संघ का एक बडा नाम हैं।पत्रिका में प्रकाशित 113 संघ से जुड़े तपस्वी व्यक्तियों के संस्मरण पढ़ने का आग्रह किया। 

स्कॉन बेंगलुरु से आए भरतर्षभ दास ने कहा कि मेरा सम्पर्क राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से पुराना है। मेरा परिवार स्वयं सेवक रहा है। हम गर्व से कहे कि हम भारतीय हैं, हम हिन्दू हैं, यह कहने का गर्व हमे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देता है। आज के समय में संघर्ष विचारधाराओं का है। हमारी शिक्षा पद्धति सनातन है। भारतीय सनातन धर्म की शिक्षा को धारण कर उसे सार्थक करे। हिन्दू धर्म को अपने हृदय में बसाएं, यही सनातन है। आयोजन का संचालन हिन्दुस्थान समाचार के जितेंद्र तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन युगवार्ता के संपादक संजीव कुमार ने किया। इस मौके पर बीजेपी के युवा नेता व प्रखर वक्ता माननीय राकेश भाई सिंह के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Wednesday, 10 December 2025

भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म शताब्दी पर भाव्य आयोजन


रौशन सिंह

नई दिल्ली, 10 दिसम्बर। भारत रत्न माननीय अटल बिहारी बाजपेयी जन्म शताब्दी महोत्सव का भव्य आयोजन कंस्ट्यूसन क्लब के मावलंकर हाल में किया गया। इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अटल जो को सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा। उनका सपना था कि भारत भ्रष्टाचार मुक्त हो। 

बीजेपी सांसद लुम्बा राम जी आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी कभी झुके नहीं। भारत की शक्ति बढ़ाने के लिए राजस्थान की धरती पोखरन में परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को अपनी शक्ति का आभास करवा दिया। अटल सड़क योजना के तहत देश को एक करने का काम किया गया है।  उनके आदर्शों पर चल कर हमें भरे को मजबूत करना है। 

पूर्वी दिल्ली के लोकप्रिय सांसद व भारत सरकार में मंत्री हर्ष मल्होत्रा जी ने अटल जी की प्रतिमा का आवरण किया। इस मौके पर स्मृति ग्रन्थ राजनीति के धूमकेतु का भी लोकार्पण किया। उन्होंने अटल जी को महामानव की संज्ञा देते हुए कहा कि वह पूरे देश के थे और रहेंगे।  जब हम। राजीनीति में पदार्पण कर रहे थे उस समय अटल जी विश्वविख्यात नेता बन गए थे। अटल जी राजनीति शुचिता के साथ किया। उनका उदाहरण पूरे विश्व मे नहीं मिलता। उनकी कविता में मानवीयता थी। 

20 हजार किलोमीटर की हिन्दू एकता यात्रा कर चुके माननीय दीपांकर महाराज जी ने कहा कि अटल जी भारत की राजनीति के आज़ादशत्रु थे। वह हिन्दू होने पर गर्व करते थे, उन्ही की प्रतिमूर्ति माननीय नरेंद्र मोदी जी हैं। उन्होंने।कहा कि जेहाद पहलगांव केलिए होना चाहिए था, लाल किले पर बम्बलास्ट के लिए होना चाहिए था जो नहीं हुआ। 

दिल्ली बीजेपी उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह इस प्रकार का आयोजन समाज के प्रेरणा का स्रोत है। अटल जी के गुणों की चर्चा हेतु कई दिन चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में अटल जी खरीद फ़रोख़्त के शक्त ख़िलाफ़ थे।

बीजेपी नेता गिविंद अवस्थी जी ने कहा की मुझे समधीजी कह के पुकारते थे। अटल जी के साथ रहने का सौभग्य प्राप्त हुआ। माननीय नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी अटल जी का आज सपना पूरा कर रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार जी ने कहा कि अटल जी को याद करना अपने देवता को याद करना है। अटल जी आधुनिक युग के देवता हैं। उनके जीवन में धर्म के अलावा कुछ नहीं था। कठिन समय में सत्ता की बागडोर संभाली थी। 1099 में षड्यंत्र कर एक वोट से गिराया गया था, उसके पीछे कथित सेकुलरवादी नेता थे। उन्होंने अटल जी पत्रकारिता को भी याद किया। कहा कि सच्चे अर्थों में उनको याद करना तब माना जायेगा जब भारत में धर्मिक व संस्कृति आजादी मिलेगी। उन्होंने इसी बहाने लाल किले पर हुए बमविस्फोट की निंदा किया। और कहा कि आतंकी कार्य एक विचार है, कहा कि आतंकवाद विरोध होना चाहिए। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारक व चिंतक माननीय रौशन सिंह जी, मैट्रिक सोसायटी के सीईओ राजेश जी मौजूद थे। इसके पश्चात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

पांच विद्यार्थियों को मिली छात्रवृति


नई दिल्ली, 11 दिसंबर। दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में पांच विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई। यह छात्रवृति श्री मनीष वर्मा द्वारा हंसराज कॉलेज की ऋणशु तिवारी, निखिल, निष्ठा, राखी तथा अंबेडकर विश्विद्यालय की लावली को बीस हज़ार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। जिसका उद्देश्य विद्यार्थी अपने अध्ययन में आने वाली आर्थिक समस्याओं से निकलकर अपनी शिक्षा पूरी कर सकें और भविष्य में अपने सामाजिक उत्तरदायित्त्व का वहन कर राष्ट्र की उन्नति में भरपूर योगदान दें। साथ ही इस प्रकार के सामाजिक कार्यों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की प्रगति में स्वयं की भूमिका को भी सुनिश्चित करें। इस कार्य के लिए प्रख्यात समाजसेवी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता श्री रौशन कुमार सिंह जी ने बहुत ही अहम् भूमिका निभायी और इसअवसर पर उपस्थित भी रहे। हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो रमा यादव ने अपने वक्तव्य में इस प्रकार के अत्यन्त सराहनीय कार्य के लिए श्री मनीष वर्मा जी एवं श्री रौशन कुमार सिंह जी को साधुवाद दे कर बहुत ही आभार प्रकट किया है । इस अवसर पर डॉ. राहुल रंजन, प्रो. संध्या राठौर, प्रो. राज मोहिनी सागर, डॉ. बालकृष्ण नेगी, डॉ. आर सी गर्ग, डॉ. खुशबू शुक्ल, डॉ. बिनोद मलय आदि शिक्षकों की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन भी रहा।

Sunday, 7 December 2025

आर्य केंद्रीय सभा, दिल्ली के निर्वाचन संपन्न, जोगिंदर खट्टर निर्विरोध प्रधान चुने गए


नई दिल्ली, 7 दिसम्बर। आर्य समाज हनुमान रोड। आज यहां आर्य केंद्रीय सभा, दिल्ली की महत्वपूर्ण बैठक के दौरान संगठन के नए प्रधान के चुनाव की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण हुई। चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण, पारदर्शी और उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई, जिसमें दिल्ली प्रांत से जुड़े 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभा के उपप्रधान श्री कीर्ति शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वसम्मति से जोगिंदर खट्टर को केंद्रीय सभा का नया प्रधान चुना गया। उनके चयन का समर्थन उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने एकमत होकर किया, जो उनके प्रति संगठन के विश्वास और सम्मान को दर्शाता है।

प्रधान पद पर निर्वाचित होने के बाद जोगिंदर खट्टर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह पद उनके लिए सम्मान के साथ-साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे आर्य केंद्रीय सभा के उद्देश्यों, मूल्यों और आदर्शों को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे संगठन को एक टीम की तरह, परस्पर सहयोग, समन्वय और सद्भाव के साथ आगे ले जाने के लिए तत्पर हैं।

उनके अनुसार, संगठन तभी उन्नति करता है जब उसके सभी सदस्य समान उद्देश्य के साथ मिलकर कार्य करें और आर्य समाज के सिद्धांतों को समाज तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। पूर्व प्रधान श्री सुरेन्द्र कुमार रैली, आर्य केंद्रीय सभा, दिल्ली ने नए प्रधान के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जोगिंदर खट्टर का अनुभव, उनकी संगठनात्मक क्षमता और सेवा भावना निश्चित ही संगठन को नई दिशा एवं ऊर्जा प्रदान करेगी। श्री रैली ने उनके सफल कार्यकाल की कामना करते हुए अपना आशीर्वाद भी दिया। उपस्थित प्रतिनिधियों ने संगठन को अधिक सुदृढ़, सक्रिय और समाजोपयोगी बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

स्त्री विमर्श को नई दिशा प्रदान करता नाटक : खामोश अदालत जारी है

करुणा नयन

नई दिल्ली, 7 दिसम्बर। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में महान नाटककार विजय तेंदुलकर का नाटक खामोश अदालत जारी है का विमर्शपूर्ण मंचन किया गया। यह नाटक बताता है कि इक्कीसवीं सदी में दुनिया ने कदम रख दिया है। मनुष्य स्वयं को विकसित की संज्ञा प्रदान कर चुका है। लेकिन इसी मनुष्य ने अभी तक महिलाओं को हक, इज्जत और शोहरत नहीं प्रदान की है जिसकी वह हकदार हैं। आज भी महिलाओं को अन्य कई मामलों में लज्जा की दृष्टि से देखा जाता है। उनके रहन-सहन, चाल-चरित्र पर पितृसत्तात्मक समाज द्वारा प्रश्नचिन्ह लगाया जाता है। इन्हीं सभी कहानियों को एक सूत्र में समेटे है नाटक खामोश अदालत जारी है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने बहुमुख सभागार में  खामोश अदालत जारी है नाटक का मंचन खत्म किया तो दर्शकों की तालियां रुकने का नाम नहीं ले रही थीं। क्योंकि इन कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से लोगों को भावनात्मक रूप से अपने वशीभूत कर लिया था। 

नाटक की शुरुआत कुछ ऐसे होती है। मुंबई की नाट्य मंडली के एक छोटे कस्बे में नाटक खेलने जाती है। नाट्य मंडली एक शिक्षिका ( लीला बेणरे ), असफल वकील ( सुखात्मे ), इंटर फेल साइंटिस्ट ( पोंगशे ), मंडली मालिक काशीकार और उसकी पत्नी एवं एक देहाती युवक ( सामंत ) है। समय बिताने के लिए सभी मिलकर एक नाटक की शुरुआत करते हैं और उसमें झूठ-मूठ का एक मुकदमा शुरू किया जाता है। मुकदमे अभियुक्त की भूमिका मिस बेणरे को प्रदान की जाती है और उनके ऊपर भ्रूण हत्या के इल्ज़ाम का मुकदमा चलाया जाता है। मुकदमे के दौरान ही पता चल जाता है कि जो केस आनंद  करने के लिए मिस बेणरे पर चलाया जा रहा है वह सही है। उनके गर्भ में उसी मंडली के प्रोफेसर का शिशू पल रहा है और वह अपने पितृ कर्म को छोड़कर भाग गया है। नाटक में मुकदमे के दौरान सभी मंडली के सदस्यों के मुखौटे सामने आने शुरू होते हैं। सभी कलाकारों की मिस बेणरे के प्रति पूर्वाग्रह, ईर्ष्या और मानसिक सूक्ष्मता सामने आती है। मुकदमे के अंत में मिस बेणरे को वही करने को कहा जाता है जिसके लिए उसपर अनजाने में मुकदमा चलाया जाता है। यह नाटक क्रूरता की सीमा को पार कर  वीभत्सता को सामने लाता है। नाटक के हर फ्रेम में बढ़ते तनाव, ठहाकों और उसके बीच में मानसिक प्रताड़ना से जूझती मिस बेणरे अंत हौसला नहीं हारती है और वह निर्णय लेती है कि जब इस जघन्य कृत्य के लिए वह प्रोफेसर लज्जित नहीं हुआ तो भला मैं क्यों होऊं। वह कहती है कि जब दो वयस्क लोगों ने स्वेच्छा से सम्बन्ध स्थापित किए तो फिर स्त्री ही दोषी क्यों बने ? यदि बिना शादी के संबंध स्थापित करना पाप है तो उस पाप के भागीदार प्रोफेसर भी होंगे। नाटक यहीं आकर खत्म होता है। 

खामोश अदालत जारी है नाटक में नाटक के भीतर एक नाटक चलता है। इसमें जैसे-जैसे मिस बेणरे की जीवन गाथा खुलती जाती है वैसे ही हमारे आसपास समाज में विद्यमान पितृसत्तात्मक, यौन कुंठा, निक्रिय स्याह मर्दाना और स्त्री दमन और द्वेष की सतह खुलकर सामने आ जाती है। अस्मि ने मिस बेणरे के किरदार को शानदार रूप प्रदान किया है। उनका अभिनय दिलों में उतर जाता है। सुखात्मे की भूमिका में ऋषिकांत ने शानदार अभिनय किया है। अनिरुद्ध ख़ुत्वाड़ का निर्देशन बेहद शानदार रहा । उन्होंने लोगों को अपने निर्देशन कौशल से मंच से हटने नहीं दिया। नाटक की मच सज्जा व प्रकाश सज्जा बहुत व्यवस्थित व प्रभावी थी। वहीं कलाकारों का स्वस्त्र सज्जा सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी पसकी द्वारा किया गया था, जिसमें मराठी तमसा का प्रभाव दिखा। प्रणय राणा का बहुत प्रभावी अभिनय था उन्सकी भाव भंगिमा भी बहुत प्रभावी थी। इस नाटक को देश भर में दिखाया जाना चाहिए जिससे स्त्री छवि को लोग स्टीरियो टाइप न देखे। वास्तव में स्त्री सृष्टि निर्माता है। समाज दकियानूसी मानसिकता से बाहर निकले यह संदेश लोगों में जाना चाहिए। कुल मिलाकर नाटक दर्शकों में एक बेहतर प्रभाव व छवि निर्मित किया। ऐसे बेहतरीन नाटक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निर्देशक चितरंजन त्रिपाठी के सहयोग व उनकी प्रशासनिक देख रेख में ही बन सकते हैं।

निःशुल्क डायबिटीज़ चिकित्सा शिविर का आयोजन


गाज़ियाबाद, 7 दिसंबर। एवी हॉस्पिटल, वैशाली में डॉ.(प्रो.) अनिल अरोड़ा, चेयरमैन, के दिशा-निर्देश अनुसार एक निःशुल्क डायबिटीज़ चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में जन-सामान्य के लिए बिना किसी शुल्क के डायबिटीज़ से जुड़ी सेवाएँ मुफ्त परामर्श, फ्री BMD, फ्री ECG, फ्री HbA1c, और फ्री PFT भी उपलब्ध कराई गईं।

शिविर में वैशाली, इंद्रापुरम, बसुंधरा सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और सभी ने पूरे अस्पताल स्टाफ व विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाओं की खुले दिल से सराहना की। लोगों ने बताया कि उन्हें बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा और सही जानकारी एक साथ मिली।

शिविर की खास बात यह रही कि यहाँ पहुँचे हर मरीज को अनुभवी चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा व्यक्तिगत सलाह दी गई। अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर्स डॉ. कुश ओहरी और डॉ. अनुपम सिंह ने मरीजों के सवालों का जवाब दिया और हर किसी की समस्या को ध्यान से सुना।

शिविर के आयोजन एवं संचालन में महा प्रबंधक स्वाति भूषण ने बताया कि एवी हॉस्पिटल लगातार इस क्षेत्र के लोगों के लिए गुणवत्ता युक्त और सुलभ चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल का उद्देश्य हर वर्ग के लोगों तक चिकित्सा सुविधाएँ पहुँचाना है और वे प्रत्येक जरूरतमंद व बुजुर्ग व्यक्ति को समय-समय पर ऐसे निःशुल्क शिविर देकर लाभ पहुँचाते रहेंगे।

अस्पताल के स्टाफ ने पूरी लगन के साथ लोगों की मदद की। उपस्थित लोगों ने आश्वासन दिया कि ऐसे शिविर आगे भी समय-समय पर ज़रूर आयोजित होने चाहिए ताकि सभी को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

शिविर के अंत में जी एम स्वाति भूषण ने उपस्थित सभी लोगों व सहयोगी डॉक्टरों का धन्यवाद किया और यह संदेश दिया कि एवी हॉस्पिटल आगे भी इसी तरह समाज के लिए चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराता रहेगा।