Sunday, 26 October 2025

दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्रा पर तेज़ाब हमला दुर्भाग्यपूर्ण, दोषियों पर सख़्त कार्रवाई करे प्रशासन : अभाविप

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रविवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई महाविद्यालय की छात्रा पर महाविद्यालय के बाहर हुए तेज़ाब हमले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय मानती है तथा प्रशासन से इस हमले को अंजाम देने वाले दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की मांग करती है।

अभाविप का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर एवं उसके आसपास इस प्रकार की घटनाएँ छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय हैं। अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए परिसर के आसपास सुरक्षा प्रबंधों को सख़्ती से लागू किया जाए, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए तथा पुलिस गश्त को और सक्रिय किया जाए।

अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा  कि दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा पर लक्ष्मीबाई महाविद्यालय के बाहर हुआ एसिड अटैक बेहद भयावह और निंदनीय घटना है। विश्वविद्यालय परिसर, जहाँ महिला सशक्तिकरण की बातें की जाती हैं, वहीं ऐसी घटनाएँ समाज और विश्वविद्यालय दोनों को शर्मसार करने वाली हैं। महाविद्यालय परिसरों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था में लगातार लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। हम पुलिस से मांग करते हैं कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर, कठोर कार्रवाई की जाए और पीड़ित छात्रा को शीघ्र न्याय मिले। अभाविप छात्रा को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

इस संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष आर्यन मान ने पीड़िता से अस्पताल में मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने कहा  कि यह घटना पूरे छात्र समुदाय को झकझोर देने वाली है। हम दिल्ली पुलिस से मांग करते हैं कि परिसर एवं कॉलेजों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए और नियमित पुलिस गश्त सुनिश्चित की जाए ताकि छात्राएँ सुरक्षित महसूस कर सकें

Saturday, 25 October 2025

पर्यावरण संकट का समाधान हमारी जिम्मेदारी : श्री ओम बिरला


नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। सोहन सिंह जी की जन्म तिथी के उपलक्ष्य में सोहन सिंह सेवा न्यास द्वारा कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में पाँचवा वार्षिक व्याख्यान आयोजित किया गया। आयोजन का विषय "पर्यावरण : संकट और समाधान" था। आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि, लोकसभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला जी ने कहा कि सोहन सिंह जी का जीवन हम सबको को प्रेरणा देता है। उनके द्वारा किए गए कार्य की समाज मे चर्चा होती है और यह समाज को प्रेरणा देता है। वह महान कर्मयोगी थे। सादगी व कठोर अनुशासन वाले व्यक्ति थे। उनका लम्बा समय राजस्थान में बीता। उनकी जरूरतें बहुत सीमित थी पर विचार बहुत बड़े थे। 16 साल की उम्र मे उन्होंने देश सेवा को चुना और आज एक प्रचारक के रूप में उनसे लोग प्रेरणा लेते हैं। जलवायु परिवर्तन का संकट आज सभी देशों के लिए संकट है। पर्यावरणीय संकट एक मानवीय संकट है। मनुष्य ही इसका समाधान निकाल सकता है। पर्यावरण संकट के समाधान के लिए जन आंदोलन खड़ा करना होगा। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के उत्तर क्षेत्र  सेवा प्रमुख, श्री कृष्ण कुमार ने कहा कि स्वयं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रस्तुत करें। इस परिवर्तन शील समाज के लिए हमें ईश्वर भजन करते रहना चाहिए। निस्वार्थ भाव से किया गया कार्य सेवा कार्य है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पर्यावरण गतिविधि संयोजक, श्री गोपाल आर्य जी ने कहा कि मैं दसवीं कक्षा में था जिस समय सोहन जी की उंगली पकड़ी थी। जिस देश में प्रकृति की पूजा होती थी उस देश में आज सांस लेना भी एक संकट है। आज नदियां व जल दूषित हैं। उन्होंने दिल्ली वायु गुणवत्ता की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि सोहन सिंह जी दो कपड़ों में रहते थे और कम से कम वस्तुएँ उपयोग करते थे। पर्यावरण समाधान के लिए जन जागरूकता लाना होगा।  गांधी प्रकृति ने हमे सब कुछ दिया पर हमने प्रकृति को क्या दिया? आज देश भक्ति की परिभाषा बदलनी होगी। इस अवसर पर पंचपरिवर्तन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर भी चर्चा की गई। 

प्रो राजकुमार भाटिया जी ने सोहन सिंह न्यास के प्रसंग व स्मृति की विस्तार से चर्चा की। सोहन सिंह जी के गांव हरचना में सेवा कार्य की चर्चा की। सोहन जी के विषय में बोलते हुए कहा कि वह श्रेष्ठ प्रचारक थे, साथ ही कहा कि वह एक महापुरुष थे। उनके बारे में समाज को बताया जाना चाहिए।  उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक लाख बाइस हजार सेवा कार्य कर रहा है। 

श्री विनोद गोयल जी ने न्यास की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन श्री अनूप गुप्ता जी ने किया। श्री राम कुमार मित्तल जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर सोहन सिंह न्यास के न्यासी प्रो राज कुमार भाटिया जी, श्री संतोष तनेजा जी, श्री विनोद गोयल जी, श्री अनूप गुप्ता जी, श्री राम कुमार मित्तल जी, श्री दीन दयाल अग्रवाल जी आदि उपस्थित थे।

Saturday, 18 October 2025

जनसत्ता के प्रभाष जोशी पुस्तक पर विचार मंथन


नई दिल्ली, 16 अक्तूबर। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में प्रख्यात पत्रकार एवं विद्वान पद्मभूषण रामबहादुर राय व मनोज मिश्रा द्वारा संपादित पुस्तक जनसत्ता के प्रभाष जोशी का लोकार्पण एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सचिदानन्द जोशी जी ने अपने स्वागत वक्तय में कहा कि प्रभाष जोशी हिंदी के विरले पत्रकार थे। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता का एक नया कीर्तिमान खड़ा किया।

इस अवसर पर राज्य सभा के सदस्य अशोक बजेपी ने कहा कि प्रभाष जोशी ने हिंदी पत्रकारिता को उचाईं तक पहुंचाया। उन्होंने विनोवा के भूदान आंदोलन की पत्रकारिता को आगे बढ़ाया। 1953 में जनसत्ता शुरू हुआ और 1955 में बंद हुआ। 1983 में जनसत्ता हिंदी का लोकप्रिय अख़बार बन गया। जनसत्ता की खबरों पर जनता का विश्वास बढ़ा, गांधी की सादगी, विनोवा की करुणा, रामनाथ गोयनका की निर्भीकता की झलक उसमें साफ दिखाई देती थी।  

पत्रकार राहुल देव ने कहा कि देश को आज प्रभाष जोशी जैसे पत्रकारों की जरूरत है। राय साहब ने प्रभाष प्रसंग को एक महत्वपूर्ण आयोजन बनाया है जिसका सबको इंतजार रहता है ऐसा कोई आयोजन अंग्रेजी में नहीं है। प्रभाष जी ने जनसत्ता की प्रसार संख्या पर रोक लगाई थी और कहा था कि पाठक अखबार को बांट कर पढ़े, हम और अखबार नहीं छाप सकते। इस तथ्य की जांच होनी चाहिए। बाबरी विध्वंस के बाद उनकी पत्रकारिता की उन्होंने चर्चा की। 

वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार बनवारी जी ने कहा कि प्रभाष जी एक विलक्षण व्यक्ति थे। यह पुस्तक न उनके सम्मान में है नाहीं उनकी याद में है। इस पुस्तक में जनसत्ता से जुडे बहुतायत प्रसंगों पर लिखा गया है। यह पुस्तक बहु रुचिकर व बहु पठनीय है। उनमें कुछ अच्छा करने की ललक व अच्छा जीने की ललक थी । होली की दिन हम सब को इकठ्ठा कर रज्जू भैया के यहाँ ले जाते थे और होली खेलते थे। एक बार श्रद्धा में वो जनसत्ता के 5 लोगों को बुलाए और भोजन कराया और सबके पैर छुए मैंने भी लपक के पैर छुए और कहा कि मैं ब्राह्मण नहीं हूं तो उन्होंने कहा कि तुम नॉमिनेटेड ब्राह्मण हो। 

प्रख्यात पत्रकार एवं इन्दिरा गांधी राष्ट्री कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय जी ने बताया कि जनसत्ता के प्रभाष जोशी पुस्तक की योजना उनके रहते हुए ही बनाई गई थी। मैं उनसे कभी पालम एयरपोर्ट, कभी नई दिल्ली, कभी सराय रोहिल्ला स्टेशन छोड़ने जाता था उस समय उनसे जो बातचीत होती थी उसके आधार पर मैंने प्रभाष जी पर संस्मरण लिखा। इस पुस्तक के माध्यम से प्रभाष जी को नई पीढ़ी जाने यह प्रयास है । प्रथम प्रवक्ता का एक अंक प्रभाष जोशी पर निकला था उसका संपादन पुण्य प्रसून बाजपेई जी ने किया था। वह अंक महत्वपूर्ण था। प्रभाष जी पहले ऐसे संपादक थे जिन्हें अंग्रेजी और हिंदी अखबार दोनों का अनुभव था। प्रभाष जी में बहुत बड़प्पन था। उनके कहने के वावजूद मैं चंडीगढ़ नहीं गया लेकिन उन्होंने इस बात का बुरा नहीं माना। अपने सहयोगी के प्रति कोई रंज नहीं था। उन्होंने अपने जीवम में ईमानदारी, व पद के लिए कोई लालसा नहीं रखी। प्रभाष जोशी जी का अटलबिहारी बाजपेयी का बड़ा सम्मान करते थे । प्रभाष जी ने जो लिखा वो पूरे विश्वास के साथ लिखा। प्रभाष जी को स्मरण करते हुए पत्रकारिता करनी चाहिए। प्रभाष जी ने सार्थक पत्रकारिता की।

पीजीडीएवी कॉलेज में नया आयकर अधिनियम 2025 व डिजिटल भारत प्रतियोगिता आयोजित


नई दिल्ली, 17 अक्टूबर। भारतीय संस्कृति सभा व पीजीडीएवी महाविद्यालय द्वारा नया आयकर अधिनियम 2025 : डिजिटल भारत के लिए एक आधुनिक कर व्यवस्था विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को नवीन कर नीतियों की जानकारी देना और उनकी तार्किक एवं भाषण कला को प्रोत्साहित करना था। इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों से लगभग 25 विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रतिभागियों ने नए आयकर अधिनियम के विविध पहलुओं पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य निर्णायक के रूप में सी.ए. डॉ. गुरचरण एवं  सी.एस. डॉ. प्रदीप दुबे उपस्थित रहे, जिन्होंने मूल्यांकन किया।

इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर  कृतिन बिंदलिश, द्वितीय स्थान पर उत्कर्ष गर्ग तथा तृतीय स्थान पर प्रियम अजमेरा रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन भारतीय संस्कृति सभा की छात्र संयोजिका काश्वी जैन एवं उनकी टीम द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारतीय संस्कृति सभा के संयोजक डॉ. रामवीर, सह संयोजिका डॉ. प्रमिता मिश्रा एवं कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में डॉ विवेक दुबे उपस्थित रहे। इस आयोजन का उद्देश्य कर व्यवस्था के प्रति आम जन को जागरूक करना था।

Wednesday, 15 October 2025

रिसर्च की उपयोगिता विषय पर कार्यशाला आयोजन


नई दिल्ली, 16 अक्टूबर। डॉ भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा  रिसर्च के महत्व विषय पर  कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए शोध की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता बैंगलोर क्राइस्ट विश्वविद्यालय के प्रो. बैजू गोपाल रहे। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों की बारीकियों को समझने के लिए गुणात्मक शोध विधि का अत्यधिक महत्व है। उन्होंने छात्रों को गुणात्मक शोध के विभिन्न पक्षों के महत्व पर बल दिया और इसे समझने के व्यावहारिक तरीके बताए।
इस अवसर पर मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख प्रो. मालिनी प्रिया ने शोध के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह मानसिक एवं सामाजिक कुशलक्षेम के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि शोध कार्य के माध्यम से वे राष्ट्र की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
कार्यशाला के सफल संचालन में अंतिम वर्ष के छात्रों नव्या, गौरी, हर्ष, पलक और पूर्वांशी ने अभिन्न हिस्सेदारी निभाई। कार्यक्रम के अंत में मनोविज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रो. नवीन कुमार ने उपस्थित सभी वक्ताओं, शिक्षकों और छात्रों को धन्यवाद किया।

Tuesday, 14 October 2025

हिंदी भाषा और तकनीक पर कार्यशाला का आयोजन


नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय में “हिंदी भाषा और तकनीक” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। राजभाषा समिति द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में हिंदी भाषा के तकनीकी स्वरूप, डिजिटल प्रयोग और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

हिन्दी जिस शान और मजबूती के साथ आज इंटरनेट की दुनिया में मौज़ूद है और ऐसे लाखों लोग जो सीधे-सीधे हिन्दी में लिख-बोल नहीं सकते किन्तु इंटरनेट के हिसाब हिंदी गूगल इनपुट जैसे दर्जनों माध्यम आज कैसे उपलब्ध हो सकी, इसकी विस्तार से चर्चा करते हुए कविताकोश के संस्थापक राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित ललित कुमार ने हिन्दी भाषा और तकनीक के आपसी रिश्ते को क्रमबद्ध तरीके से बताया। ऐतिहासिक संदर्भों को शामिल करते हुए कुमार ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए उनसे यह स्पष्ट हो सका कि इस काम में ऐसे सैकड़ों लोगों की भूमिका रही है जो सीधे-सीधे हिन्दी अध्ययन एवं शिक्षण के कार्य से नहीं जुड़े रहे किन्तु सामुदायिक विकास एवं हिन्दी के प्रसार की भावना ने उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरित किया। हिन्दी में मानक रूप के ठीक ढंग से लागू न किए जाने के प्रति चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इससे कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के प्रसार में अड़चने आती हैं और गति धीमी पड़ती है.अपने व्यक्तिगत जीवन के संघर्षों से प्रेरणा देते हुए उन्होंने कविताकोश वेबसाइट की शुरुआत पर प्रकाश डाला। ललित कुमार ने बताया कि विकिपीडिया में हिंदी सामग्री की तुलना में अंग्रेज़ी सामग्री का वर्चस्व है लेकिन समय आ गया है कि अब सामूहिक रूप से हिंदी के विकास पर कार्य किया जाए। प्रो. राम प्रकाश द्विवेदी ने विदेशों में हिंदी शिक्षण और तकनीक पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद ने कहा कि इस कार्यशाला से हमारे विद्यार्थियों को हिंदी के डिजिटल स्वरूप को समझने में बड़ी सहायता मिलेगी और वे हिंदी के विकास में भी कार्य कर सकेंगे।

कार्यशाला के दूसरे चरण में प्रश्न निवारण के अंतर्गत हिंदी भाषा के तकनीकी पक्ष संबंधी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर दिएं। अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्यशाला संयोजक प्रो. शशि रानी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रो. बिजेंद्र कुमार, प्रो. ममता, डॉ. अर्चना माथुर, डॉ. रजनी, डॉ. विनीत कुमार डॉ. राजबाला गौतम और अनेक शिक्षकों समेत भारी संख्या में छात्र उपस्थित

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला दुखद एवं निंदनीय : अभाविप

नई दिल्ली, 11 अक्तूबर।  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटना को दुखद एवं निंदनीय मानते हुए इसकी कड़ी भर्त्सना करती है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार से इस पूरे प्रकरण की त्वरित एवं निष्पक्ष जांच कर सभी दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग करती है।

अभाविप का मानना है कि साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की यह घटना न केवल शैक्षणिक परिसरों में छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है, बल्कि शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले संस्थानों की गरिमा को भी ठेस पहुँचाती है। जिस स्थान पर छात्र-छात्राएँ सुरक्षित वातावरण में अध्ययन करने आते हैं, वहाँ इस प्रकार की घटना होना पूरे शैक्षणिक जगत को शर्मसार करने वाला है। साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में अनेक देशों के छात्र एवं छात्राएँ अध्ययनरत हैं, इसलिए यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल कर सकती है। अतः अभाविप प्रशासन से दोषियों की शीघ्र पहचान कर उन पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने की मांग करती है। साथ ही, अभाविप  प्रशासन से घटना के समय सुरक्षा गार्ड कहाँ थे और उनकी इस पूरे प्रकरण में क्या भूमिका रही, इसकी पारदर्शी जांच की भी मांग करती है।

अभाविप दिल्ली प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में छात्रा के साथ हुआ यौन उत्पीड़न अत्यंत निंदनीय एवं मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। प्रशासन से हमारी मांग है कि वह त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाए। अभाविप पीड़िता के साथ खड़ी है और जब तक न्याय नहीं मिलता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र-छात्राओं की गरिमा एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सदैव सजग रही है और भविष्य में भी ऐसे मामलों में न्याय सुनिश्चित कराने के लिए हर स्तर पर संघर्षरत रहेगी।