Thursday, 28 November 2024

लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखने में भारतीय संविधान की महत्ती भूमिका : प्रो नचिकेता

करुणानयन चतुर्वेदी  


नई दिल्ली, 26 नवंबर। आध्यात्मिक पुस्तकों के बराबर संविधान को जब तक नहीं रखा जाएगा। तब तक उसकी छाप भारतीयों के मन में नहीं उतरेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय में संविधान दिवस के उपलक्ष में आयोजित व्याख्यान के दौरान श्यामलाल महाविद्यालय सांध्य के प्राचार्य प्रो नचिकेता सिंह ने यह बात कही। 

उन्होंने कहा कि संविधान के अंदर निहित तमाम जन कल्याणकारी प्राविधानों को लोगों को जानना चाहिए। इससे उनके अंदर समानता, समरसता आदि का भाव पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि संविधान को केवल प्रशासनिक सेवा में नौकरी पाने वाले युवा ही पढ़ते हैं। जबकि इसको सभी लोगों को पढ़ना चाहिए। क्योंकि संविधान ने ही भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज के समय में युवाओं में अराजकता फैलाने का काम कर रही है। इससे सामाजिक विभेद बढ़ने का भी खतरा पैदा हो गया है।

यह कार्यक्रम महाविद्यालय के राजनीतिक अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित की गई थी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ अरविंद यादव थे। कार्यक्रम के अंत में प्रो नचिकेता ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का निवारण किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो राजेश उपाध्याय ने किया।

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