Thursday, 3 April 2025

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा किए जारहे पर्यावरणीय क्षति का विरोध


नई दिल्ली, 3अप्रैल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मंत्री श्रवण बी. राज के नेतृत्व में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की 400 एकड़ भूमि के अतिक्रमण व अवैध नीलामी के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा। यह भूमि कांचा, गाचीबोवली में स्थित है और तेलंगाना सरकार द्वारा निजी संस्थाओं को बेचने के लिए नीलाम की जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने पर्यावरण मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की, ताकि विश्वविद्यालय की जैव विविधता, वनस्पतियों और जीवों को अतिक्रमण से बचाया जा सके।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार अपने निहित स्वार्थों के तहत आईटी हब विकास परियोजना की आड़ में विश्वविद्यालय की भूमि को अपने करीबी निजी संस्थानों को देने के लिए नीलाम कर रही है। सरकार ने पहले ही जंगल को बुलडोज़र से साफ करने का काम शुरू कर दिया है और छात्र समुदाय की विरोधी आवाज़ों को दबाने का प्रयास कर रही है। यह 400 एकड़ भूमि घने हरित क्षेत्र, दुर्लभ वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का आश्रय स्थल है, जहां 734 प्रकार की वनस्पतियां, 220 प्रकार की पक्षी प्रजातियां और संकटग्रस्त भारतीय स्टार कछुआ जैसे जीव पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में मौजूद ‘पीकॉक लेक’ और ‘बफैलो लेक’ स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में सहायक हैं। इसके अलावा, हैदराबाद की भूवैज्ञानिक धरोहर का प्रतीक ‘मशरूम रॉक’ भी इसी भूमि का हिस्सा है।

अभाविप द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कई प्रमुख मांगें सम्मिलित हैं, जिनमें पर्यावरण मंत्रालय द्वारा त्वरित हस्तक्षेप कर जंगलों की कटाई से हो रहे भूमि क्षरण को रोकना, हैदराबाद की पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न अंग मानी जाने वाली समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण सुनिश्चित करना, विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाली संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाना और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना आदि उल्लेखित है। साथ ही, इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय संपत्ति के रूप में मान्यता देने की मांग भी उठाई गई।

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री श्रवण बी. राज ने कहा की रेवंत रेड्डी सरकार ने अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण शुरू कर दिया है और निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए अवैध कार्यों को अंजाम दे रही है। सरकार ने पहले ही बुलडोज़र लगाकर इस शहरी जंगल को नष्ट करने का कार्य आरंभ कर दिया है, जिससे क्षेत्र की पारिस्थितिक संतुलन और पर्यावरणीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। आज हमारे प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर इस अवैध अतिक्रमण को तत्काल रोकने और हैदराबाद क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। वहीं एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खारवाल ने कहा की विश्वविद्यालय परिसर के भीतर स्थित प्राकृतिक आवास पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और पर्यावरणीय क्षरण जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, इस महत्वपूर्ण हरित क्षेत्र का विनाश न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करेगा, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी गंभीर संकट पैदा करेगा। चूंकि रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने विश्वविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण करने की साजिश रची है, इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लगातार इस मुद्दे पर संघर्षरत है और छात्र समुदाय की आवाज़ को बुलंद कर रही है। हम तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि सरकार विश्वविद्यालय की भूमि और इस जंगल में रहने वाले निर्दोष जीव-जंतुओं को नष्ट करने की अपनी घृणित योजना को पूरी तरह छोड़ नहीं देती।

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