नई दिल्ली, 13 अगस्त। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी परिसर विरूपण संबंधी दिशानिर्देश के पाँचवें बिंदु, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से एक लाख रुपये का बॉन्ड जमा कराने का प्रावधान है, के विरोध में विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। अभाविप ने इस प्रावधान को तत्काल वापस लेने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इसे शीघ्र वापस नहीं लिया, तो विश्वविद्यालय स्तर पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने 08 अगस्त को डूसू चुनाव के लिए परिसर विरूपण संबंधी दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें पाँचवें बिंदु के तहत प्रत्येक उम्मीदवार से एक लाख रुपये का बॉन्ड जमा कराने की शर्त रखी गई थी। अभाविप ने इस निर्णय को छात्र-विरोधी और अलोकतांत्रिक करार देते हुए पहले ही अपना विरोध दर्ज कराया था। इसी क्रम में आज संगठन ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इस "तुगलकी फरमान" को तुरंत वापस लेने की मांग दोहराई।
अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा डूसू चुनाव के लिए जारी एक लाख रुपये के बॉन्ड संबंधी निर्णय के खिलाफ हमने आज ज्ञापन सौंपा और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। दिल्ली विश्वविद्यालय देश का एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जहाँ हर वर्ग के छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में एक लाख रुपये का बॉन्ड जमा कराने की शर्त न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि यह चुनाव को केवल धनाढ्य वर्ग के छात्रों तक सीमित करने का प्रयास है। अभाविप इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। हम इस प्रावधान का शुरू से विरोध कर रहे हैं और आज ज्ञापन सौंपा है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए, अन्यथा हम व्यापक आंदोलन के माध्यम से इसे रद्द करवाएंगे।”
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