नई दिल्ली, 24 नवंबर। दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर इंडिया गेट पर एक समूह द्वारा लगाए गए देश-विरोधी और उग्रवादी नारे अत्यंत चिंताजनक हैं। प्रदर्शनकारियों ने “कितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा” जैसे नारे लगाकर न केवल हिंसा को बढ़ावा देने का प्रयास किया, बल्कि राष्ट्र विरोधी विचारधारा का खुला प्रदर्शन भी किया। यह नारा उस कुख्यात नक्सली आतंकी हिडमा का महिमामंडन करता है, जिसने दंतेवाड़ा जैसे हमलों को अंजाम देकर अनेक सुरक्षा बलों के जवानों की निर्ममता से हत्या की थी और देश के विरुद्ध आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस घटना को शहीद जवानों के सम्मान का घोर अपमान मानती है और इसे देश की एकता, अखंडता एवं सुरक्षा के लिए अत्यंत गंभीर खतरा भी मानती है। किसी नक्सली को नायक बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास देशद्रोही मानसिकता को बढ़ावा देता है, जो किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं हो सकता। राष्ट्र को तोड़ने वाली विचारधाराओं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर बढ़ावा नहीं दिया जा सकता और न ही इसे सहन किया जा सकता है।
एबीवीपी मांग करती है कि इस घटना में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि ऐसे तत्व समाज में अशांति फैलाने और आम युवाओं को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्र विरोधी बयानबाजी और नक्सलियों के महिमामंडन का प्रत्येक प्रयास कानून और लोकतंत्र दोनों के खिलाफ है तथा इसे तुरंत रोका जाना आवश्यक है। एबीवीपी देश के सभी नागरिकों से अपील करती है कि राष्ट्र की सुरक्षा और शहीदों के सम्मान की रक्षा हेतु एकजुट रहें और ऐसे खतरनाक तत्वों के खिलाफ खड़े हों।
एबीवीपी दिल्ली के प्रदेश मंत्री श्री सार्थक शर्मा ने कहा कि दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदूषण के नाम पर देश विरोधी नारे लगाना, देश विरोधी मानसिकता का परिचायक है। ऐसे में इस देश को नक्सलियों के साथ साथ ऐसे नारे लगाने वाले बुद्धिजीवियों से भी खतरा हो जाता है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि वे भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव को कमज़ोर करने वाले ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि फिर से कोई ऐसा कृत्य ना करें।
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