Wednesday, 12 November 2014

दिल्ली में बढ़ी चुनावी सरगर्मी

  रंजय कुमार
राष्ट्रपति के द्वारा विधानसभा भंग करने की मंजूरी मिलने के साथ ही  दिल्ली में चुनावी सुगबुगाहट तेज हो गई है. चुनाव के मद्देनजर सभी राजनैतिक  पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इस बार मुख्य रूप से चुनावी जंग काँग्रेसए भाजपा और आम आदमी पार्टी  के बीच है. आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बार नगर निगम में भ्रष्टाचार तथा 49 दिन बनाम 150 दिन के कामकाज को मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी में है.  वही भाजपा  एक बार फिर नरेन्द्र  मोदी के चेहरे को लेकर ही चुनाव में उतरने की तैयारी में है तथा वह आम आदमी पार्टी  के दिल्ली में 49 दिनों के काम और उसके बाद भागने को लेकर पलटवार करते दिखाई पड़ते  हैं. वही कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा में करारी हार के बाद एक बार फिर वह अपने 15 साल के कामकाज को लेकर जनता के बीच आने की तैयारी में है. इस बार चुनावी समर में आसाराम की पार्टी भी उतरने की तैयारी में है. आसाराम के जेल जाने के बाद उसके पुत्र द्वारा बनाई "ओजस्वी पार्टी" दिल्ली की सभी 70 सीटों पर अपने उमीदवार उतारने की तैयारी में हैं. हरियाणा तथा महाराष्ट्र में जीत के बाद भाजपा का मनोबल बढा हैं और उन्हें दिल्ली में भी जीत का भरोसा है. वही आम आदमी पार्टी तथा कांगेस वाले भी चुनाव को लेकर ज्यादा.से.ज्यादा लोगों तक पहुचने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते लेकिन आखिरी फैसला तो दिल्ली की सवा करोड़ जनता को ही करना है.

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