Wednesday, 15 October 2014

जन कवियों ने किया कविता पाठ 'कविता 16 मई के बाद'

 बिपिन बिहारी दुबे
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर, केंद्रीय सचिवालय स्थित प्रेस क्लब में 'कविता 16 मई के बाद' विषय पर केन्द्रित  काव्य पाठ का आयोजन किया गया. समारोह में हिन्दी के 20 से ज्यादा कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने की. कविता पाठ का केंद्रबिंदु 16 मई को आए चुनावी परिणामों के बाद की परिस्थितियों पर था. युवा कवि पाणिनी आनंद ने अपनी रचना ‘नया  शासनाधीश’ और 'माई फ्रेंड इन अमेरिका' का पाठ कर सभा में बैठे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. साथ-ही-साथ ‘मूक है समाज’ को गाकर वाह-वाही बटोरी. इसके अलावा युवा कवि अविनाश मिश्र, नवीन, अंजनी, गणेश रायबोले,  निखिल आनंद, मिथिलेश श्रीवास्तव, रंजीत वर्मा आदि ने अपनी रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं.
मंच संचालन कर रहे युवा कवि अभिषेक श्रीवास्तव ने अपनी रचना ‘सफ़ेद शेर’ जो हाल में दिल्ली के चिड़ियाघर में घटित हादसे पर आधारित था, का पाठ किया. कवियों की रचनाओं से भारत के वर्त्तमान सत्ता के प्रतिरोध  झलक रही थी. आखिरी में कवि मंगलेश डबराल ने अपनी रचना ‘तानाशाह’, ‘नए युग में शत्रु’, और ‘यथार्थ इन दिनों’ के माध्यम से अपने अनुभव को साझा किया. अपने वक्तव्य में मंगलेश डबराल ने आज की कविताओं को ‘अंधेरे का शोकगीत’ करार देते हुए कवियों को असंवैधानिक कार्यों के प्रति संवेदनशील होने के लिए सराहा भी. अंत मे कार्यक्रम का संचालन कर रहे  अभिषेक श्रीवास्तव  ने ऐसे कार्यक्रम का आयोजन नवंबर के पहले सप्ताह में करने की घोषणा भी की. अभिषेक श्रीवास्तव ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबका धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर जाने माने वरिष्ठ कथाकार, उपन्यासकार, समयांतर पत्रिका के संपादक श्री पंकज बिष्ट भी उपस्थित थे. 

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