Tuesday, 14 October 2014

हुत के बैनर तले अरुणाभ सौरभ ने पढ़ी अपनी कविता...

                                           


सोनू चौबे 
नयी दिल्ली, अबुल फज़ल रोड के एन.डी.एम.सी. पार्क में विगत् 12 अक्टूबर को ‘हुत’ संस्था के आहूत कविता पाठ का आयोजन किया गया. इस उद्घाटन कार्यक्रम में युवा कवि ‘‘अरुणाभ सौरभ’’ ने अपनी कविताओं का पाठ किया. अरुणाभ कवि के साथ-साथ केंद्रीय विद्यालय में हिंदी के अध्यापक भी हैं. सभा की शुरुआत कवि  कुमार विरेंद्र ने "हुत" संस्था के परिचय और उसका उदेश्य बताते हुए की. उन्होंने कहा कि हुत के बैनर तले आगामी दिनों में दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर कविता-पाठ का आयोजन किया जाएगा. जिसका उद्देश्य युवा रचनाकारों को बढ़ावा देना है. कवि अरुणाभ ने कविता पाठ की शुरूआत शीर्षक ‘दुनिया बदलने तक’ से की. उन्होंने भागलपुर की यादों को ‘गुलमोहर की छाँव में’ समेटते हुए पटना शहर को भी याद किया. उनकी रचनाएँ ‘मुम्बई होना देश होना है’ और ‘वो साला बिहारी’  ने जमकर श्रोताओं की तालियां और सराहना बटोरी. उन्होंने अपनी क्षेत्रीय भाषा मैथिली में ‘तिलका माँझी’ और ‘मधु श्रावणी’ का भी पाठ किया. अंत में‘शिबू लोहार’ के माध्यम से अपने कवि जीवन में आने के प्रेरणा को श्रद्धांजलि दी.
 सभा में मौजूद युवा रचनाकार शम्भू दादा, अनुपमा, पंकज चौधरी और आशीष के द्वारा कविताओं को सराहा गया. पंकज ने कहा कि अपनी पृष्ठभूमि से उपर उठकर कविता लिखना अपने आप में बहुत रचनात्मक होना है. सभा में ‘’लोक जन स्वर’’ ब्लॉग के संचालक  प्रधान सम्पादक सोनू चौबे, सम्पादक अमन आकाश भी मौजूद थे. सभा का समापन हुत के संयोजक एवं संस्थापक ईरेंद्र बबुअवा ने धन्यवाद ज्ञापन से किया. 

No comments:

Post a Comment