Monday, 13 October 2014

बस चुनाव खत्म ना हो !


                                                                     राजा बाबू
हरियाणा में विधानसभा चुनाव आ गये हैं. नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है. जिनको देखने को आँखें तरस गयी थीं, वो आज खुद चलकर जनता के बीच आ रहे हैं. आजकल बड़े-बड़े नेतओं के साथ-साथ अभिनेताओं के भी दर्शन हो रहे है. रोज कहीं-न-कहीं रागिनी सुनने को मिल जाती है. चारों तरफ चुनाव प्रचार की गाड़ियो में बजने वाले देशभक्ति गाने चुनाव कम युद्ध का आभास ज्यादा करा रहे हैं. लोगों को ये पता नहीं चल रहा है कि विधायक देशभक्त होना चाहिए या ईमानदार, वैसे होना तो दोनों चाहिए. तरस तो उन निर्दलीय उम्मीदवारों पर आता है जो इन बड़ी-बड़ी पार्टियो के सामने हैं. एक तरफ नरेंद्र मोदी जी तो दूसरी तरफ सोनिया जी, फिर चौटाला और कुलदीप बिश्नोई प्रचार करें तो बेचारा निर्दलीय तो पहले ही हार जाता है. अब थोड़ी-सी तरस जनता पर भी खाते हैं क्योंकि आखिर में हार तो उसी की होनी है. परंतु जनता फिर भी खुश है. चुनाव के नतीजों का तो पता नहीं पर चुनाव की घोषणा उनके चेहरे पर जरूर मुस्कान ला देती है. कुछ दिनों के लिए ही सही जनता को सम्मान तो मिलता है. इसलिए जनता चाहती है कि चुनाव कभी खत्म ना हो.

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