नई दिल्ली, 8 जनवरी। अभाविप कार्यकर्ताओं और अभाविप नीत DUSU ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन तथा ज्वाइंट डीन (छात्र कल्याण) कार्यालय पर ताला जड़ते हुए रामजस कॉलेज की एक नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोपी प्राध्यापक धनीराम को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर मामले की पुलिस जांच कराने की मांग की। इस मांग के साथ धनीराम पर कार्रवाई की मांग करते हुए अभाविप कार्यकर्ता DSW कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।
लगभग 1 माह पूर्व रामजस महाविद्यालय में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ वहां के एक प्राध्यापक धनीराम, जो कि दिल्ली विश्वविद्यालय का सह-अधिष्ठाता छात्र कल्याण भी है, ने यौन शोषण तथा छेड़छाड़ किया था, जिसकी शिकायत छात्रा ने ICC में की। धनीराम द्वारा इस मामले को दबाने और छात्रा की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न किए जाने पर रामजस महाविद्यालय की अभाविप इकाई ने 24 दिसंबर को कॉलेज में प्रदर्शन कर प्राध्यापक के निलंबन की मांग की। इसके पश्चात अभाविप और अभाविप नीत डूसू का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल DCP नॉर्थ से मिला था तथा मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। अभाविप नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पदाधिकारियों - उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह तथा सचिव मित्रविंदा कर्नवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम ज्ञापन देकर उक्त प्राध्यापक को सभी प्रशासनिक पदों से निलंबित कर त्वरित जांच की मांग की थी।
जब पिछले 10 दिनों में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तथा धनीराम अपना रसूख दिखाते हुए विश्वविद्यालय में घूमता रहा तो आज विद्यार्थी परिषद ने DSW कार्यालय पर तालाबंदी कर उसके निलंबन की मांग करने का निर्णय लिया। इस क्रम में जब आंदोलन के लिए अभाविप के रामजस इकाई के कार्यकर्ता अपने महाविद्यालय से निकल रहे थे तब उक्त प्राध्यापक के मित्र एक वामपंथी प्राध्यापक देवराज मुखर्जी ने उनको रोकने का प्रयास करते हुए उन्हें आंदोलन करने से मना करने लगा। जब विद्यार्थियों ने प्रतिरोध जताया तब देवराज मुखर्जी ने एक विद्यार्थी को थप्पड़ मार दिया तथा उनका करियर खत्म करने की बातें करने लगा। इस झड़प के बाद भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपने आंदोलन करने के लिए आगे बढ़े तथा उन्होंने DSW कार्यालय पहुंच कर वहां तालाबंदी कर दी।
अभाविप के रामजस महाविद्यालय की ईकाई अध्यक्ष संजना त्यागी ने कहा कि आज जब हम आंदोलन करने के लिए जा रहे थे तब रामजस के प्राध्यापक देवराज मुखर्जी ने धनीराम से दोस्ती की दुहाई देते हुए हमें आंदोलन करने जाने से रोकने का प्रयास किया तथा बाहरी गुंडों से विद्यार्थियों को पिटवाकर आंदोलन खराब करने की कोशिश की। लेकिन हम धनीराम तथा समूचे दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को बता देना चाहते हैं कि जब तक छात्रा को न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम यह आंदोलन जारी रखेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की सचिव मित्रविंदा ने कहा कि हमारे रामजस प्रशासन तथा दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से बार बार बात करने के बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय ने धनीराम पर कोई कार्रवाई नहीं की तथा वह विश्वविद्यालय में अपना रसूख दिखाता हुआ खुला घूम रहा है। आज हमें मजबूरी में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफिस पर ताला लगाना पड़ा। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ जब तक धनीराम को पदच्युत नहीं किया जाता तब तक यहां आंदोलन पर बैठा रहेगा।अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा, इस प्रकरण में छात्रा को न्याय दिलाने के लिए अभाविप पिछले एक महीने से इस लड़ाई को निरन्तर लड़ रहा है, परंतु एक बड़ा समूह जिसमे वामपंथी प्राध्यापक भी शामिल हैं, प्रो धनीराम को बचाने व इस मुद्दे को दबाने में लगे हैं। ऐसे सभी दुराचारियों के विरुद्ध अभाविप इस लड़ाई को तब तक लड़ेगी जब तक ऐसे एक-एक दुराचारी को इस विश्वविद्यालय से बाहर नहीं कर देंगे।
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