चिराग झा
दिल्ली, 20 दिसंबर। दिल्ली स्कूल आफ जर्नलिज़्म से संबद्ध ‘गांधीजी की पाठशाला’ में “रिपोर्टिंग की बारीकियां” विषय पर एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें मुख्य वक्ता एशियाविल हिन्दी के संपादक दिलीप खान ने कहा की गांधीजी की पाठशाला में युवाओं की भागीदारी देख कर काफी खुशी हुई कि आज के ज़माने में भी लोग गांधी जी के आदर्शों पर चल रहे हैं। उन्होंने वेब पत्रकारिता के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे इस कोरोना महामारी और तालाबंदी के वक्त, वेब पत्रकारिता एक नया विकल्प बन कर सामने आया और लोगों को इसके मदद से पल-पल की खबरे मिलती रहीं। आगे उन्होंने रिपोर्टिंग की बारीकियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए हर पहलू पर बात की। बताया की किसी विशेष दुर्घटना पर की गई रिपोर्टिंग दुर्घटना से हुए नुकसान मात्र एक प्राथमिक जानकारी है, रिपोर्ट को पूरा करने के लिए हमें दुर्घटना के पिछे छुपे कारण को ढूंडना होगा और साथ ही इसका पता लगाना होगा कि इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है।
रिपोर्टिंग व पत्रकारिता में राजनैतिक प्रभाव पर उन्होंने कहा की आज के वक्त में अधिकतर पत्रकार किसी न किसी राजनैतिक विचारधारा से प्रभावित हैं, ऐसे में ज़रूरी यह है कि रिपोर्टिंग के दौरान हम अपने राजनैतिक सोच को किनारे रख कर निष्पक्ष रिपोर्टिंग करे जिससे कि सभी पक्षों की बात सामने आ सके। साथ ही उन्होंने भावी पत्रकारों को रिपोर्ट लिखते वक्त फाइव डब्लू वन एच (व्हाट, व्हू, व्हेर, व्हेन, व्हाई और हाउ) के गुरु मंत्र को याद रखने के लिए भी कहा। इस ऑनलाइन आयोजन में अतिथि दिलीप खान का परिचय वैष्णवी श्री ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन सूरज जैसवाल ने किया। गांधीजी की पाठशाला के संरक्षण डा सुभाष गौतम भी उपस्थित थे।
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