नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। सुप्रसिद्ध रंगनिर्देशक चितरंजन त्रिपाठी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली के नए निदेशक नियुक्त हुए । नाट्य विद्यालय देश व विदेश में भारतीय रंग संस्कृति को प्रचारित व प्रसारित करने वाली संस्था है। बताया जाता है कि लम्बे समय से यहां निदेशक पद योग्य ऊमीदवार नही मिलने के कारण खाली था। सुप्रसिद्ध रंगनिर्देशक श्री चित्तरंजन त्रिपाठी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के 1996 बैच के स्नातक हैं। विद्यालय के स्थायी निदेशक के रूप में श्री त्रिपाठी 12वें निदेशक हैं, जिन्होंने निदेशक का पद भार सम्भाला है ।
त्रिपाठी एक कुशल निर्देशक, लेखक, अभिनेता और संगीतकार हैं । नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में शामिल होने से पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एम.ए. पूरा किया, जहाँ अभिनय में विशेषज्ञता हासिल की। आपने चार्ल्स वालेस फेलोशिप के तहत यूके में गिल्डफोर्ड स्कूल ऑफ एक्टिंग में संगीत थिएटर में दाखिला लिया। त्रिपाठी रंगमंच, टेलीविजन और फिल्म के क्षेत्र में एक पेशेवर निर्देशक, लेखक, अभिनेता, संगीतकार के रूप में एक जाना पहचाना नाम है ।
उनके नियुक्त होने पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कुलसचिव श्री प्रदीप कुमार मोहंती ने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारे संस्थान से स्नातक किए हुए व्यक्ति को निदेशक पद पर नियुक्त हुए हैं । हमें पूर्ण विश्वास है कि चितरंजन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय अपनी नई ऊँचाइयाँ हाशिल करेगा।
त्रिपाठी के सबसे लोकप्रिय नाटकों में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के साथ "ताजमहल का टेंडर" शामिल है "कैपिटल एक्सप्रेस, श्री राम सेंटर रंगमंडल के साथ "अरे मायावी सरोवर" साहित्य कला परिषद रंगमंडल के साथ "लडी नजरिया और हमारे शहर के रोमियो जूलियट” यवनिका के साथ "गुन्नो बाई और यहूदी की लड़की" नवरस के साथ "डार्लिंग डार्लिंग और ताजमहल का उदघाटन" और मासोसा के साथ अरे शरीफ लोग और शबरह अनारकली", राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय छात्र प्रस्तुतियां "सीजोर मचाए शोर, चूहा बाकी, शोरवाला नाटक, अंधेरा कमरा सच्चा प्यार" जैसे अनोको नाटक हैं।
इनमें से, "ताजमहल का टेंडर, हमारे शहर के रोमियो जूलियट और लडी नाजरिया" को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ नाटक का पुरस्कार दिया गया है और पूर्व दो को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के भारत रंग महोत्सव में प्रदर्शित किया गया है । दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद ने 2012 में उनके छह नाटकों का प्रदर्शन करते हुए "हास्य रंग" नामक एक विशेष थिएटर उत्सव आयोजित किया था। भारतीय थिएटर में योगदान के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा मनोहर सिंह पुरस्कार था। आपने ZEE 5 के लिए "कोर्ट मार्शल" का निर्देशन किया है। आपने भारत और ब्रिटेन में बच्चों और वयस्कों के साथ थिएटर कार्यशालाएं भी आयोजित की हैं और कई थिएटर, अभिनय संस्थानों के विजिटिंग फैकल्टी रहे हैं। आपने विभिन्न चौनलों : लाइफ ओके, स्टार वन, जी स्माइल और दूर दर्शन के लिए टेलीविजन शृंखला का निर्देशन भी किया है।
आपकी लघु फिल्म “कोर्ट रूम नौटंकी” (हिंदी) को आईएफएफआई, गोवा, 2010 में भारतीय पैनोरमा अनुभाग में प्रदर्शित किया गया था और यह कई प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में जा चुकी है और पहली फीचर फिल्म "धौली एक्सप्रेस" (उड़िया) ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित कई राज्य पुरस्कार जीते। इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार भी मिला, जिसमें आपने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा आयोजित उड़िया सिनेमा के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने वाले महोत्सव सहित विभिन्न फिल्म समारोहों में भाग लिया।
त्रिपाठी ने कई उड़िया विज्ञापन, हिंदी फिल्मों जैसे "दसवीं, शुभ मंगल सावधान, कनपुरिए, मुक्काबाज, छपाक, ए जेंटलमैन, दिल्ली -6, फैंटम, तलवार, जुबान, तेरा मेरा टेढ़ा मेधा, मुख्यमंत्री, प्रमोद गुप्ता जे.ई और कई फिल्मों में अभिनय किया है। आपने थिएटर, फिल्म और टीवी के लिए सैकड़ों गाने लिखे हैं । आपने उड़िया और हिंदी में कई हैं। फीचर फिल्मों "धौली एक्सप्रेस, मुख्यमंत्री, प्रमोद गुप्ता जे.ई." और अन्य का निर्देशन किया है। आपने लघु फिल्मों में भी अभिनय किया है, साथ ही आपको चिली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हिंदी लघु फिल्म 'बिस्कट' में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया था। उन्होंने "सेक्रेड गेम्स" (त्रिवेदी के रूप में), “रसभरी”, “रक्तांचल", "फर्जी और “मॉम" जैसी वेब शृंखलाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। पिछले दिनों आपके नाटक 'तमस' कि तारीफ इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय काला केंद्र के अध्यक्ष व जाने माने पत्रकार पद्मश्री रामबहादुर राय ने किया और कहा कि त्रिपाठी बहुत सजग नाटक कार हैं उनका नाटक पूरे देश में दिखाया जाना चाहिए और उसके लिए उन्हे पुरष्कृत भी किया जाना चाहिए। उनका निदेशक बनना देश के लिए गौरव कि बात है।
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