Tuesday, 30 January 2024

मानें तुझको भी भारत का


उसने जब आदेश दिया था 

मंदिर तोड़े जाने का 

तबसे प्रण ले लिया था हमने 

मंदिर पुनः बनाने का 


मंदिर तोड़ा मारा काटा 

पर दिल ना भरा जब बाबर का

गुंबद नहीं नासूर बनाया   

उस दर्द को याद दिलाने का 


जब तुमने गाथाएँ लिखीं 

स्थान ए जनम गिराने का 

तब हमने रामायण लिखा  

राम की धुन को गाने का 


पगड़ी त्याग के सोचा हमने   

बच्चों को नहीं बताने का 

अगली पीढ़ी पर खून के रस्ते

पाया इतिहास पुरानों का 


दिया ना चबूतरा सीता वाला 

श्रीराम को पूजा जाने का  

हमने तो एकड़ पाँच दिया है 

अब भी तुझे बनाने का 


हत्याएँ की और मंदिर लूटे 

सैकड़ों मथुरा और काशी का 

तुम तीन भी वापस दे दो तो 

मानें तुझको भी भारत का  


(प्रो. राकेश कुमार पांडेय)

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