Sunday, 12 May 2024

भविष्य का भारत और मतदान के मायने

संकल्प मिश्र 

भारत पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए हर पांच वर्ष में चुनाव होता है। इस समय पूरे देश की लोकसभा सीटों पर मतदान अलग-अलग चरणों में चल रहा है। हम लगातार यह  देखते आरहे है कि वोटिंग 60% से ज्यादा नहीं होती यह कहें की सुनने को नहीं मिलती है। ऐसे में  प्रश्न उठता है कि क्या देश के लोगों का लोकतांत्रिक व्यवस्था से विश्वास कम होता जा रहा है। इस प्रकार मतदाता का 2024 लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्र जाने की बजाय घर पर बैठ जाना उसकी लोकतन्त्र के प्रति उदासी को दर्शाता हैं। शहरी समाज में मतदाता अपने घरों में बैठा रहता है पर वोट डालने नहीं निकलता है। 



मतदान करना हमारा कोई कर्म नहीं बल्कि हमारा कर्तव्य है, एक  जिम्मेदार नागरिक के तौर पर यह काम करना चाहिए। देश के युवा वर्ग को भी इन कर्तव्यों को समझने की अवश्यकता हैं। एक जागरूक नागरिक के वोट न करने की वजह से पूरे देश में भ्रष्टाचारी नेताओं, माफियाओं, देश विरोधियों का एक अल्प समूह आज भी  संसद तक पहुंचने में सफल हो जाता है। मतदान किसको करना है, यह बताने से ज्यादा जरूरी है कि बताया जाए कि  मतदान क्यों करना है? आज भारत देश जो युवाओं का देश कहा जाता है। भारत देश के युवा-साथी, जो की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में जाकर शिक्षा तो ले रहे है। बड़े-बड़े मंचों पर डिबेट्स में जाकर मतदान करने के लिए जागरूक तो कर रहे हैं लेकिन उनका खुद मतदान केंद्रों न जाना एक बड़ी विडम्बना है। इसलिए शिक्षा के साथ के साथ अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करना भी आवश्यक है। आपका वोट मात्र एक वोट नहीं  बल्कि भारत का भविष्य कैसा होगा यह भी तय करता है। इस लिय आप सभी आज से तय कीजिये कि पहले मतदान फिर जलपान!!

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