नई दिल्ली, 3 सितंबर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नीत डूसू का छात्रा सम्मान समारोह "स्वयंसिद्धा" आज दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस समारोह का शुभारंभ मुख्य अथिति श्रीमती रुबिका लियाकत एवं विशिष्ट अतिथि मोनिका अरोड़ा, अभाविप राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, अभाविप केंद्रीय कार्य समिति सदस्य श्रीमती निधि बहुगुणा त्रिपाठी, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, एवं छात्रसंघ सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने साथ में दीप प्रज्वलन करके किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 600 छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध महिला पत्रकार श्रीमती रुबिका लियाकत ने अपने संबोधन में कहा कि आज इस स्वयंसिद्धा कार्यक्रम में इन तमाम छात्राओं को देखकर मुझे घमंड हो रहा है कि मैं स्वयं एक महिला हूं। आज का दिन समस्त छात्राओं के लिए हर्ष का उत्सव है। मैं एबीवीपी नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का तहे दिल से आभार प्रकट करना चाहुंगी। सभी छात्राओं से यह अपील करना चाहूंगी कि वह अपने जीवन में बड़ा सपना देखे और उसे पूरा करने के लिए अथक प्रयास करे। आज यहां अंतिम पंक्ति में बैठी छात्राएं अगर प्रथम पंक्ति में आना चाहती है तो एक ही मूल मंत्र है वो है अपने सपनों के प्रती जिद्दी होना। हर महिला अपने आप में मां दुर्गा भी है, काली भी है, और मां सरस्वती भी है। कभी भी हारने पर मायूस मत होना और जीतने पर अति उत्साहित मत होना यह सभी जीवन के पड़ाव है। आप सभी छात्राओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता, पूर्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रही श्रीमती मोनिका अरोड़ा ने कहा कि आज शहीद भगत सिंह कॉलेज के प्रांगण में आके मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ गए। दुनिया में हर जगह महिलाओं को तुच्छ भावनाओं से देखा गया है, ख़ासकर पश्चिमी देशों में जहां महिलाओं को ऑब्जेक्ट के रूप में देखा जाता था। अपने आपको सबसे शक्तिशाली और बुद्धिमान देश कहने वाले अमेरिका, इंग्लैंड, जैसे देशों में महिलाओं को मताधिकार के अधिकारों से कई सालों तक वंचित रखा गया, वहीं भारत देश ने सभी पुरुष व महिला को आज़ादी के उपरांत ही समान मताधिकार दिए। भारत की महिलाओं के आदर्श बॉलीवुड के कलाकार न हो के बल्कि देवी भारती जैसी महिला होनी चाहिए, जिन्होंने शंकराचार्य से शास्त्रार्थ किया और अपने पति मंडल मिश्र को विजयी बनाया। यहां बैठी सभी मातृशक्ति को मैं प्रणाम करती हूं और उनके भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं देती हूं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि हर महिला में अनंत शक्तियां होती है व पूजनीय है। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सदैव ही कॉलेज परिसरों में इंटरनल कंप्लेंट काउंसिल, वूमेन सेल, एवं क्विक रिस्पॉन्स टीम की मांग करती रही है। ताकि छात्रों को कॉलेज परिसरों में सुरक्षित व सशक्त वातावरण मिल सके। अभाविप ने हमेशा कहा कि छात्र कल का नहीं आज का नागरिक है। विद्यार्थी परिषद एक ऐसी संस्थान है जो न केवल नारी शक्ति का सम्मान करती है बल्कि उनमें नेतृत्व शक्ति को जागृति कर उन्हें मंच प्रदान करती आई है। जहां पश्चिम देशों में महिला मुक्ति की बात की जाती है तो वहीं भारत में उसके विपरीत महिला जागृति की बात की जाती है। यहां बैठी समस्त छात्रा शक्ति को मेरा आदरपूर्वक नमन है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि यहां आई सभी मेरी बहनों का मैं हृदय से धन्यवाद देना चाहूंगा कि इतनी बारिश होने के बावजूद वो आई। विद्यार्थी परिषद सदैव से ही छात्राओं के संघर्षों की लड़ाई लड़ती रही है, और निरंतर आगे भी लड़ती रहेगी। कुछ संगठन वादे करते है महिला सुरक्षा के और कॉलेज परिसरों में बेल्ट हाथ में लेकर गुंडई करते है, असल मायने में उनका असली चेहरा वही है। उनके नारे लड़की हूं लड़ सकती हूं, सिर्फ कागजी है, धरातल पर उनके संदेश सिर्फ जुमले है। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्र छात्राएं समझदार है और वो अब समझ चुके है रील कार्य और रियल कार्य में अंतर। यहां आज इस कार्यक्रम में सम्मानित मेरी सभी बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं आशा है आप आगे भी राष्ट्र सेवा में अपना कीमती योगदान देंगी और आगामी छात्रसंघ में अपना बहुमूल्य मतदान अवश्य करेंगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने कहा कि मैं माननीय मुख्य अतिथि श्रीमती रुबिका लियाकत, एवं श्रीमती मोनिका अरोड़ा जी का आभार व्यक्त करना चाहूंगी कि वह आज इस कार्यक्रम में आई और समस्त छात्रा शक्ति के समक्ष अपना उद्बोधन रखा। स्वयंसिद्धा कार्यक्रम 2014 में शुरू हुआ और आज शहीद भगत सिंह कॉलेज में 1500 से अधिक छात्राओं की उपस्थिति बता रही है कि छात्रा शक्ति दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सदैव ही विभिन्न माध्यमों से छात्राओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है जैसे कि मदारी, मिशन साहसी, एवं स्वयंसिद्धा के माध्यमों से वो छात्राओं में निरंतर आगे बढ़ने की ज्योत जलाता आया है। आज मेरी समस्त बहने जो यहां इस मंच पर सम्मानित हुई है मैं आशा करती हूं वो आगे निरंतर बढ़ते रहे और जीवन में अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करे। मुझे पुर्ण विश्वास है कि यह स्वयंसिद्धा कार्यक्रम आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
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