Thursday, 11 December 2025

हिन्दुथान समाचार ने सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और संघ के सौ साल विषय पर गोष्ठी का आयोजन


नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। बहुभाषी समाचार एजेंसी हिंदुस्थान समाचार ने संघ के 100 साल होने पर सामाजिक-संस्कृति चेतना और संघ के सौ साल विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया।यह आयोजन नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के समवेत सभागार में हुआ।

मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि भारत ने अनेकता को एकता के रूप में लिया, इसीलिए वह विश्व गुरु है। उन्होंने परम्परागत ज्ञान परम्परा पर  चर्चा करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज शक थे कि हूण थे, इसपर हिंदुस्थान समाचार को काम करना चाहिए। भारत विश्व गुरु भी है और सोने की चिड़िया भी है। डॉ हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को जन्म नहीं दिया,  यह अवतरित है। हम बड़े किस्मत वाले हैं कि संघ के सौ साल मना रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ थ्योरी नहीं प्रेक्टिकल है। गांधीजी ने कहा था कि विभाजन मेरी लाश पर होगा लेकिन बापू क्यों झुक गए यह रहस्य है। उन्होंने भारत विभाजन की विभीषिका पर विस्तार से बोला और कहा कि हमने अपनी संस्कृति के लिए युद्ध लड़ा है। उन्होंने अपने प्रचारक जीवन की बहुत सारी कहानियां सुनाई। अंत में कहा कि भारत विश्व गुरु है, विश्व गुरु था और विश्व गुरु रहेगा। 

मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण करता है। संघ राष्ट्रीय पुनुरूथान का प्रतीक है। संघ समाज में अथक परिश्रम करता है। संघ सांस्कृतिक व सामाजिक उत्थान का कार्य करता है। इसके साथ ही उन्होंने पंच परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें भारत का भविष्य छुपा हुआ है। संघ आज सबसे अधिक प्रासंगिक है।

विशेष उपस्थिति हिंदुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविन्द भालचंद्र मार्डीकर जी की रही। उन्होंने हिंदुस्थान समाचार एजेंसी का परिचय देते हुए स्वातंत्र्य वीर सावरकर जी की भारतीय भाषा के प्रति निष्ठा पर प्रकाश डाला। आपातकाल में एजेंसी की संघर्षगाथा पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि हिंदुस्थान समाचार 16 भारतीय भाषाओं में समाचार प्रकाशित करता है। उन्होंने दिल्ली सरकार से दिल्ली में हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के लिए दफ़्तर की भी मांग की। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री रामबहादुर राय ने पत्रिका के बहाने रामसेतु का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि संघ को जानना है तो डॉ हेडगेवार के आस पास के लोगों को जानना जरूरी है। युगवार्ता पत्रिका में इसका वर्णन है। उन्होंने कहा कि 2025 को संघ के सौ साल की यात्रा पूरी करने व बंकिमचंद्र चटोपाध्याय के बंदेमातरम 150 साल पूरे करने के लिए याद किया जाएगा। 1925 में संघ ने यात्रा शुरू की आज वह जीवन के हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। वामवादी आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा कि उसी साल लेफ्ट पार्टी की स्थापना हुई थी, वह आज कहा है? संघ की सबसे बड़ी विजय अयोध्या में राम मंदिर है। पत्रिका में प्रकाशित श्यामजी गुप्त के एक संस्मरण का जिक्र करते हुए बताया कि जनजातीय क्षेत्र में एकल विद्यालय की चिंता भावराव देवरस किया करते थे, जो आज संघ का एक बडा नाम हैं।पत्रिका में प्रकाशित 113 संघ से जुड़े तपस्वी व्यक्तियों के संस्मरण पढ़ने का आग्रह किया। 

स्कॉन बेंगलुरु से आए भरतर्षभ दास ने कहा कि मेरा सम्पर्क राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से पुराना है। मेरा परिवार स्वयं सेवक रहा है। हम गर्व से कहे कि हम भारतीय हैं, हम हिन्दू हैं, यह कहने का गर्व हमे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देता है। आज के समय में संघर्ष विचारधाराओं का है। हमारी शिक्षा पद्धति सनातन है। भारतीय सनातन धर्म की शिक्षा को धारण कर उसे सार्थक करे। हिन्दू धर्म को अपने हृदय में बसाएं, यही सनातन है। आयोजन का संचालन हिन्दुस्थान समाचार के जितेंद्र तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन युगवार्ता के संपादक संजीव कुमार ने किया। इस मौके पर बीजेपी के युवा नेता व प्रखर वक्ता माननीय राकेश भाई सिंह के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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