श्रेया पाण्डेय
जौनपुर, उत्तर प्रदेश के इटहरा नामक गाँव के स्वतन्त्रता
सेनानी पंडित राजाराम पाण्डेय का देहावसान
होगया. उनकी उम्र 106 वर्ष थी. वह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. वह आजादी
की लड़ाई में कई बार जेल जा चुके थे. 25 जनवरी दोपहर के तकरीबन 3 बजे उनकी मृत्यु हुयी । पाण्डेय जिका परिवार संयुक्त परिवार
था. उनकी शादी अल्पायु में स्वर्गिय अभिलाखी देवी के साथ हुआ
था. इनके आठ पुत्र व तीन बेटियाँ है जिनमे से दो पुत्रों का आकस्मिक निधन हो
गया था. उन्होंने ने अपने बच्चों को हमेशा स्वालम्बी बनने की शिक्षा दिया करते थे. आजादी
के लड़ाई में उन्होंने अंग्रेजो के विरुद्ध आवाज उठाने का कम किया था, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा था. उनके परिजनों
ने बताया की उस समय वे निर्भीक नवजवान युवक थे
जिन्होंने बिना डरे अंग्रेजो के खिलाफ डटे रहे और कई बार इन्हे कोड़े भी
खाने पड़े थे. पाण्डेय जी पेशे से किसान थे. इनके गाँव में इनका बड़ा मान-सम्मान था. वह कहा करते थे कि इंसान को हमेशा कर्मठ होना चाहिए जिससे उसका
शरीर तंदरूस्त रहता है. पाण्डेय जी को मरणोपरांत इनको 'गार्ड आफ हॉनर' से समामित किया गया. इनका अंतिम
संस्कार इलाहाबाद के रसुलाघाट पर बड़े ही धूमधाम से किया गया.
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