Wednesday, 12 August 2015

संस्कृतिकर्मी, राजनेता और समाज

राजनेता समाज से शक्ति लेता है और लेखक, कवि,चित्रकार, गायक, संगीतकार, अभिनेता और अन्य कलाकर्मी जनता को शक्ति देते हैं. कैसे? राजनेता जनता से वोट लेकर सत्ता में आता है. अच्छा – बुरा जो चाहे करता है. आमतौर पर विवाद में रहता है. कभी कभी तो वही जनता उसे खलनायक बना देती है जिसने कभी नायक बनाया था. दूसरी तरफ रचनाकार अपनी रचना के माध्यम से जनता को संवेदनशील बनाता है, जनता की अभिरुचियों को विकसित करता है, मनुष्य की मनुष्यता में लगातार कुछ जोड़ता रहता है, दुर्बल को साहस देता है, समाज और संसार को समझना सिखाता है. कलाकर्मी न रहते हुए भी आने वाली पीढ़ियों के सेवा करता रहता है क्योंकि उसकी रचना अपना काम करती रहती है. रचनाकार और कलाकर्मी को जनता कभी खलनायक नहीं बनाती.
अब देखिये कि हमारे समाज में राजनेताओं ने कितनी चालाकी से रचनाकार और कलाकर्मी को निष्प्रभावी बना दिया है. आज हमारे समाज में नेता, अधिकारी, व्यापारी और बाहुबली छाए हुए हैं.
(प्रख्यात संस्कृतिकर्मी असग़र वज़ाहत के फेसबुक वाल से साभार)

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