Sunday, 27 September 2015

'मेरी माँ '

अंकिता पाण्डेय
गॉड से माँगी मन्नत है मेरी माँ
सबसे अनमोल जन्नत है मेरी माँ
दुनिया में सबसे प्यारी है मेरी माँ
हर तरह से न्यारी है मेरी माँ
एक बडे़ कवि की एक सुन्दर कविता है मेरी माँ
परियाँ कहाँ अफसराओं की महारानी है मेरी माँ
चाँद सितारों के साथ रहने वाली राजकुमारी है मेरी माँ
मीठी मुस्कानो से भरी डायरी है मेरी माँ
शुद्ध सोने से लदी हीरो से जड़ी है मेरी माँ
हँसती हुई किरणों सी खिलते हुए फूलों के
सुन्दर बगीचे की क्यारी है मेरी माँ
मेरे हर चीजों का ख्याल रखने वाली मेरे बचपन की एक हँसती गुनगुनाती शायरी है मेरी माँ

सागर की गहराई से भरी गंगा जैसी पवित्र धारा है मेरी माँ
कभी किसी को गम न देने वाली किनारा है मेरी माँ
लाखों नजारों में एक खूबसूरत नजारा है मेरी माँ
हर एक वीर सैनिक के नारों का नारा है मेरी माँ
सबको थोड़े से प्रकाश में ज्यादा रोशनी देने वाली एक टिमटिमाता धुरव तारा है मेरी माँ
सारे मंदिरों के स्थलों और तीन नदियों का संगम है मेरी माँ
मेरे लिए तो जग सारा है मेरी माँ!

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