Sunday, 27 September 2015

भारतीय राजनीति में जवाबदेही की कमी

अंकुश मिश्र
भारतीय राजनीति में अभी प्रचलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के बीच जुमलेबाजी चल रही है. 'हवाबाजी और हवालाबाज़ी' ने बहुत रंग जमाया है.  एक तरफ मुझे ख़ुशी इस बात की हो रही है कि भारतीय राजनीति में हिंदी मे बोल-चाल का प्रचलन बढ़ा है, जबकि मोदी जी गुजराती और सोनिया गाँधी जी इटालियन  हैं फिर भी दोनों नेताओं पर हिंदी की खुमारी छाई  है. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी के ऊपर अंग्रेजी का भूत सवार हो गया था. अंग्रेजी नामों पर कई अभियान चलाया जैसे- मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और कई अभियान. इन सभी अभियानों को प्रधानमंत्री जी गति नहीं दे पाए जिस गति से उन्होंने कहा था, इसी को लेकर सोनिया गाँधी जी ने मोदी को कह दिया कि आप तो 'हवाबाजी' कर रहे हैं, तो मोदी जी ने तुक के साथ जवाब दिया और कहा कि आप तो 'हवालाबाज़ी' कर रही हैं. सोनिया गाँधी जी ने बिलकुल सही कहा है अगर मोदी जी लोकसभा चुनाव के समय देश के कोने-कोने में घूमकर अपनी हवा न बनाई होती तो आज कांग्रेस की इतनी करारी हार नहीं होती जो कांग्रेस पिछले 60 वर्ष से राज कर रही थी उस पार्टी को अचानक से 40 सीटों पर लाकर खड़ा कर देना यह बिना मोदी हवा के संभव नहीं था. मोदी जी ने अपने वादे के अनुरूप काम नहीं किया इसी को सोनिया जी हवाबाजी कह रही हैं. लेकिन वो ये क्यों नहीं  समझ रही हैं कि नेहरू और इंदिरा जैसे लोग इस देश की समस्याओं को हल नहीं  कर पाये तो मोदी तो अभी राजनीति में नए हैं. उनके पास बस बातों का जादू है कोई ऐसा जादू नहीं है जिससे वो देश की हर समस्या को खत्म कर दें और इसके बाद मोदी जी कहते हैं कि सोनिया जी आप तो हवालाबाज़ी करती रही हैं. उन्होंने भी सही समझ कर कहा है आज कांग्रेस इंदिरा और नेहरू के हवाले से ही तो ज़िंदा है और इन्हीं हवाले ने कांग्रेस जैसी पार्टी को निक्कमा कर दिया है. वरना 410 सीटों वाली कांग्रेस आज 40 पर नही होती. आज इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में विपक्ष में कोई नहीं  है. नेता जुमलेबाजी कर रहे हैं. बात जुमलेबाजी की नहीं  है बात इस देश में राजनीति में जवाबदेही की है. आज राजनीति में कोई नेता देश की स्थिति पर जवाब देने को तैयार ही नहीं है  जो इस देश के लिए चिंतनीय विषय है.

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