संदीप राय
"दम है तेरे दमन में कितना, देख लिया है देखेंगे इन्ही नारों के साथ "...मण्डी हॉउस से MHRD तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के अध्यापकों और छात्रों ने यूजीसी के फैसले के खिलाफ काली पट्टी बाँध कर प्रदर्शन रैली निकाली. ये नारे DUTA के प्रदर्शन मार्च के
सफलता का आभास करा रहे थे . दिल्ली यूनिविर्सटी टीचर्स असोसिएशन (डूटा) ने 6 जून को भी यूजीसी के सामने धरना दिया था, जिसके
बाद यूजीसी चेयरमैन के साथ उनकी मीटिंग भी हुई थी .लेकिन यूजीसी की तरफ से
कोई लिखित आश्वासन नहीं मिलने की वजह से टीचर्स एसोसिएशन ने आज फिर
प्रदर्शन मार्च निकाला . डूटा प्रेजिडेंट नंदिता नारायण ने कहा की हम
बायकॉट करना नहीं चाहते लेकिन सरकार की पॉलिसी हमें मजबूर कर रही है . यूजीसी रेगुलेशन में हुए बदलावों के खिलाफ डीयू टीचर्स इवैल्यूशन का 24 मई
से बायकॉट कर रहे हैं , DUTA ने यह भी कहा है कि अगर यूजीसी और मिनिस्ट्री
उनकी बात नहीं मानती है, तो वे डीयू की प्रवेश प्रक्रिया का भी बायकॉट
करेंगे . नैशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के साथ - साथ कई
राजनीतिक व छात्र संगठनों ने भी डूटा के प्रदर्शन को समर्थन दिया .हज़ारों
की संख्या में शिक्षकों और छात्रों ने प्रतिरोधस्वरूप काली पट्टी बाँध कर
मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च शुरू किया. बीच रास्ते
में ही पुलिस ने मार्च को रोक दिया, लेकिन शिक्षकों ने बैरिकेड तोड़कर गिरफ्तारी दी शिक्षकों और छात्रों को संसद मार्ग थाने ले जाया गया. जितनी
देर कारवाई चलती रही, थाने के अहाते में जमा शिक्षक-छात्र उत्साह के साथ
नारे लगाते रहे. एनडीटीएफ ने भी एचआरडी मंत्री स्मृति इरानी को पत्र लिखकर कहा है कि टीचर्स के बढ़ाए गए वर्कलोड के फैसले को तुरंत वापस लिया जाए .
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