शेष नारायण सिंह
मैं 1920 से 1942 के आज़ादी के संघर्ष में महादेवभाई देसाई की भूमिका बहुत बड़ी मानता हूँ। सरदार पटेल उनको अपना भाई मानते थे और जवाहरलाल उनकी हर बात को कानून मानते थे। 9 अगस्त 1942 के दिन जब पूरी कांग्रेस कमेटी को अहमदनगर फोर्ट जेल में बंद कर दिया गया और महात्मा गांधी को आगा खां पैलेस, पुणे की जेल में रखा गया। महादेवभाई को महात्माजी के साथ ही रखा गया। वहीँ 15 अगस्त 42 को यह महापुरुष 50 साल की उम्र में शहीद हो गया। महात्माजी ने अपने हाथों से उनका अंतिम संस्कार किया ।कभी कभी सोचता हूँ कि महात्मा गांधी के लिखन पढ़न को हम जिस रूप में जानते हैं, वह महादेवभाई की कृपा से ही है। आज उनकी अगली पीढ़ियों में पैदा हुई एक देवी जी पाव वर्ष की हो गईं। जो लोग महादेवभाई को नहीं जानते वे भारत की आज़ादी की लड़ाई से अनभिज्ञ माने जायेगें। (साभार फेसबुक वाल)
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