श्रेया उत्तम
डॉक्टर को धरती का दूसरा भगवान कहा गया है. 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे के उपलक्ष्य में गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति राजघाट में 'हेल्दी एजिंग इंडिया' एनजीओ ने वृद्धों में सक्रियता व स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिये एक कार्यक्रम का आयोजन किया. मुख्य अतिथि रवींद्र कुमार ने वैदिक ज्ञान की मदद से जीवन को परिवार एवं समाज के बीच प्रासंगिक एवं स्नेहिल कैसे बनाया जाये इस विषय पर चर्चा की. गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक दीपांकर श्री ज्ञान ने कहा कि उम्र के आखिरी पड़ाव को स्वतंत्र रूप से हमारे सीनियर सिटीज़न जियें. इसके लिये वे
एनजीओ को विभिन्न स्वास्थ्य जागरूकता सेमिनार करने के लिये आर्थिक मदद प्रदान करेंगे. रामचंद्र राही ने गाँधी दर्शनशास्त्र का उदाहरण देते हुये बताया कि आज के वृद्धजनों को गाँधी और विनोबा भावे के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये कि वो कैसे स्वतंत्रता, सक्रियता, स्वसेवा, समाजसेवा आदि उम्र के आखिरी पड़ाव तक सम्भालते रहे. हेल्दी एजिंग इंडिया एनजीओ के संस्थापक एम्स के ज़रा विभाग के डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि उम्र के साथ बढ़ने वाले शारीरिक रोगों न्यूमोनीया, फ्लू आदि से बचने के लिये टीकाकरण आवश्यक है और घरों सीढियों, बाथरूम में अच्छे से पकड़ने की व्यवस्था की जानी चाहिये जिससे वृद्धजन को चलने में कठिनाई ना हो और वो फिसल कर गिरे नहीं.
उन्होंने कहा कि अब विज्ञान भी यह सिद्ध कर चुका है कि प्रार्थना में ताकत होती है और योगा, कसरत, मेडिटेशन आदि को करने की सलाह दी. 400 सीनियर सिटीज़न के बीच चटर्जी जी का संवाद बहुत उपयोगी व रुचिपूर्ण रहा. संस्था ने 50 वृद्धजनों को जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं उनकी सभी दवाईयों व ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी ली तथा दूसरों को भी ऐसा काम करने के लिये प्रेरित किया. सभी आये हुये सीनियर सिटीज़न को पौधा देकर एक नयी खुशहाल जिंदगी शुरू करने का संदेश दिया गया तथा ओल्ड ऐज होम से आये हुये वृद्धजनों को उपहार भेंट किये गये. कार्यक्रम का उद्देश्य वृद्धजनों को इम्पावर, ऐन्करेज व एजुकेट करना था.
इसमें आईआईटी दिल्ली के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप चटर्जी, दिल्ली सीनियर सिटीज़न एसोसिएशन के सिक्रेटरी श्री एस एस रुद्र आदि उपस्थित रहे.
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