उज्ज्वल मिश्रा (अर्नव)
गरीबों के हित में एक और योजना 'आयुष्यमान भारत' योजना को केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी गई है। इस योजना से लगभग 50 करोड़ से अधिक परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सरकार मुहैया कराएगी। देश के 50 करोड़ गरीबों को पाँच लाख रुपये सालाना कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के मिशन पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
2018-19 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयुष्यमान भारत नाम की एक योजना का जिक्र किया था। जिस पर केंद्र सरकार लंबे वक्त पर काम कर रही थी जिसे कल रात मंजूरी मिल गई। इस योजना के तहत लगभग 50 करोड़ से अधिक लोगों को एक वर्ष में कुल 5 लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके तहत पूरे देश में 1.5 करोड़ आरोग्य केंद्र खोले जाने हैं ताकि लोगों को उनके घर के नजदीक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके, लेकिन इसके तहत सबसे महत्वाकांक्षी योजना देश के 10 करोड़ परिवारों को को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त और कैशलेस इलाज कराया जा सकेगा। इस योजना के तहत गरीब परिवारों का भी अच्छे तथा महँगे अस्पतालों में इलाज कराने का रास्ता साफ हो सकेगा।
नीति आयोग के पास मौजूद आकड़ो के मुताबिक करीब 5-6 करोड़ लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के कारण गरीबी रेखा के नीचें चले जाते हैं. यह मिशन उन परिवारों के लिए बड़ी राहत का काम करेगी। बीमा कंपनियों, तथा सभी राज्य सरकारों से बात बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और सरकार की कोशिश है कि इसी साल 15 अगस्त से इस योजना को लागू करने का है।
सरकार का अनुमान के मुताबिक पाँच लाख तक के कैशलेस इलाज के लिए प्रति परिवार 1000-1200 रुपये तक का सालाना खर्च आएगा लेकिन प्रीमियम की असली लागत का पता स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के प्रस्ताव के बाद चलेगा। देश को करीब 40 % आबादी को कैशलेस चिकित्सा मुहैया उपलब्ध कराने वाली इस योजना में केंद्र सरकार 60% अंशदान करेगी. जबकि पूर्वोत्तर और तीन पहाड़ी राज्यों में 90% और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना का पूरा भार केंद्र सरकार खुद वहन करेगी।
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