शक्ति सत्या
महात्मा गांधी ने अपनी किताब 'आरोग्य की कुंजी' में लिखा है, "स्वास्थ्य मनुष्य के जीवन की सबसे प्रधान संपदा है। यह संपत्ति जिसके पास है वह आर्थिक, पारिवारिक आदि अनेक कठिनाइयों के रहते हुए भी भली प्रकार जीवन यापन कर सकता है। किंतु जिसका स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ है, जो रोग ग्रस्त है वह सब सुविधाओं के होते हुए भी दीन हीन बेचैन और दुखी रहता है। इसीलिए जिन्हें भी अपने जीवन का आनंद लेना है उसे सबसे पहले स्वास्थ्य पर ध्यान देना उचित है।
गांधी के इसी विचार को आगे बढ़ाने के क्रम में पीरामल फाउंडेशन के सानिध्य में गांधी फ़ेलोशिप के फ़ेलोज के साथ उदयपुर के किसान विज्ञान केंद्र में स्पोर्ट्स डे का आयोजन किया गया। इसमें तीन जिलों डूंगरपुर बांसवाड़ा और उदयपुर के आदिवासी इलाकों में कार्यरत फ़ेलोज ने भाग लिया। इसका उद्देश्य गांधी फ़ेलोज को खेल और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उनके द्वारा आदिवासी इलाकों के लगभग 150 विद्यालयों तक स्वास्थ्य और खेल की महत्ता को पहुँचाना था। पिछले डेढ़ सालों से भारत के अलग अलग राज्यों से आये और भारत के बेहतरीन संस्थानों से पढ़े हुए ये फ़ेलो छात्र उपयुक्त तीन जिलों में कार्य कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में खास तौर पर शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए खो-खो, रिले रेस, 100 मीटर दौड़, रस्सा कसी, म्यूजिकल चेयर, सितोलिया खेल का आयोजन किया गया। बांसवाड़ा के फ़ेलो पवन जयानी का कहना है कि इस तरह के खेल की ट्रेनिंग से हमें खुद को स्वस्थ रखने के लिए प्रेरणा मिल रही है साथ ही साथ हम इन सारे खेलों में अपने आदिवासी इलाकों के विद्यालयों में लेकर जाएंगे तो बच्चों में उत्साह की भावना भी जागृति होगी और वे भी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। तो वहीं डूंगरपुर के फ़ेलो अजय कुमार का कहना है कि इस तरह के खेलों को हम जब अपने विद्यालयों में लेकर जायेंगें तो बच्चों में प्रतिभा का विकास होगा और वे अपनी प्रतिभा को देखते हुए किसी एक खेल को भी अपना प्रोफेशन बना सकते हैं।
पीरामल फाउंडेशन द्वारा इस खेल प्रतिस्पर्धा के सितोलिया खेल में बांसवाड़ा की फ़ेलो टीम प्रथम आयी और रिले रेस में डूंगरपुर की फ़ेलो छात्रा वैशाली ने विजय हासिल की। उदयपुर की फ़ेलो टीम के निशान्त वशिष्ठ बताया कि इसका उद्देश्य यह भी है कि सभी समान रूप से खेल में भागीदारी बना सकते हैं, इसीलिए सितोलिया खेल में पीरामल में कार्यरत और मुख्य अतिथि बनकर आए कोरटीममेम्बर नंदिता रावल, रोहित तलवार और गांधी फ़ेलोशिप के राजस्थान के प्रोग्राम डायरेक्टर सिद्धार्थ मौर्य को इस खेल में शामिल किया गया उनके साथ इस खेल में उदयपुर जिले की प्रोगाम मैनेजर शिल्पा अमरावत, बांसवाड़ा के प्रोग्राम मैनेजर राजेंद्र और डूंगरपुर के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण पांचाल शामिल हुए। इससे सभी फ़ेलोज और उनके सुपीरियर के बीच समानता का भाव उतपन्न हो। साथ ही यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को हम स्कूलों में भी लेकर जाएंगे और बच्चों और शिक्षक बीच के गैप को खेलों के माध्यम से भरेंगे। इस कार्यक्रम को देखने के लिए बड़गांव पंचायत के लोग और अनेक कॉलेज के छात्रों ने भी हिस्सा लिया।
No comments:
Post a Comment