Friday, 3 April 2020

कोरोना जैसी बीमारी में प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय

 हुक्मदेव नारायण यादव
कोरोना जैसी बीमारी के कारण देश पर संकट के बादल मंडरा रहें हैं । ऐसे हालात में प्रधानमंत्री द्वारा उठाया  गया सामाजिक दूरी बनाए रखने वाला कदम सराहनीय है। इन दिनों समस्त जगत तीन ताप से पीड़ित हो गया है। दैहिक, दैविक और भौतिक। इस समय भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व इससे निकलने का प्रयास कर रहा है। ऐसे समय में सभी को संयम और अनुशासन का कठोरता से पालन करना चाहिए है। मगर कुछ नकारात्मक तत्व  दुराग्रह से प्रेरित  होकर सरकार की आलोचना सोशल मीडिया और टीवी पर कर रहे हैं। उन्हें सबसे पहले आत्मचिंतन करना चाहिए और बताना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं। जो भी अब तक प्रदेश और केंद्र में शासन और सत्ता में रहे उन्हें बखूबी मालूम है कि भारत सरकार के संसाधन सीमित है। इस संकट की घड़ी में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जो प्रयास कर रही हैं वह सराहनीय है। यदि किसी प्रकार कि कोई कमी रह भी गयी है तो इस ओर प्रशासन का ध्यान खींचने कि आवश्यकता है न कि सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने की। कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी और पत्रकार भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक मानवीय अपराध है। अफवाह के कारण लोग पलायन करने लगे हैं उन्होंने कानून को तोड़ने का काम किया है। सरकार द्वारा उठाए गए सामाजिक दूरी के कदम तथा करोड़ो लोगो के प्रयास और कठोर अनुशासन से जो लाभ जनता को मिलने वाला था वह पलायन के चलते विफल हो गया। संकट के समय में अभाव का होना स्वभाविक हैं। मैंने अपने 62 वर्षों के सामाजिक जीवन में कई बार ऐसे संकट को देखा है। इस बार का संकट भयानक हैं। हम अपने घरों में अन्न, जल और ईंधन की बचत करे। ऐसा भोजन बनाए जिसमे कम अन्न, जल और ईंधन की खपत हो। जीवन धारण करने के लिए भोजन करे। मैंने आपातकाल में 20 महीना तक जेल के सेल में रहकर उस जीवन को जीया था। मानवधर्म और राष्ट्रधर्म का यही संदेश है। किसी की आलोचना करते से पहले हम सभी अपने अंदर झांके। आत्मचिंतन, आत्ममंथन और आत्मशोधन करें। यही आत्म निवेदन है।

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