Sunday 14 January 2024

पुस्तक इंडिया @75 पर परिचर्चा

नई दिल्ली, 14 जनवरी, वैश्विक अध्यन केंद (सीजीएस), दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा इंडिया@75 : ए चेंजिंग इलेक्टोरल डेमोक्रेसी पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय थे। अध्यक्षता एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. महेश चंद्र शर्मा  द्वारा की गई। प्रो राजकुमार भाटिया, पूर्व चांसलर द्वारा नामित, दिल्ली विश्वविद्यालय और श्री के.के. सक्सेना, मुख्य संपादक, आकार बुक्स, नई दिल्ली इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 


इस अवसर पर केंद के निदेशक आचार्य सुनील के चौधरी द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। उन्होंने अपनी पुस्तक की संकल्पना के लिए आई 4 के दृष्टिकोण (आईडिया, इंस्पिरेशन, इनोवेशन, एवं इम्प्लीमेंटेशन)  के बारे में बात कही की कैसे आई 4 के महत्व से यह पुस्तक आई है। अपनी पुस्तक के एक महत्वपूर्ण आयाम को लेकर उन्होंने एम एवं सी फेनोमेनन की बात की। पुस्तक में एक नया दृष्टिकोण साइलेंट वोटर्स के रूप में भी आचार्य चौधरी ने बताया।

इस अवसर पर श्री के के सक्सेना जी ने भी पुस्तक के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के बारे मैं बात कही। श्री राजकुमार भाटिया जी ने इस पुस्तक का योगदान शोध क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए बताया। उन्होंने इस अवसर पर भारत के लोकतंत्र की खूबिया भी बताई।


मुख्य वक्ता के रूप में श्री राम बहादुर राय जी ने पुस्तक के शीर्षक की महत्ता की बात की जिसमे उन्होंने तथ्य एव आयामों की बात की कैसे भारतीय चुनावी लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य को इस पुस्तक से समझा जा सकता है।  इसी कड़ी मैं उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता के माध्यम से लोकतंत्र की बात रखी। पुस्तक के बारे में विश्लेषण करते हुए उन्होंने   मतदाताओं के बदलते स्वरूप के बारे में भी बताया। उन्होंने पुस्तक के अध्यायों के माध्यम से साइलेंट वोटर्स की बढ़ती भूमिका की भी बात कही की कैसे चुनावी राजनीति एवं लोकतंत्र समय के अनुसार परिवर्तित हो रहे है। उन्होंने बताया की लोकसभा के चुनावों के अध्ययन के लिए यह पुस्तक शिक्षा जगत में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

इंडिया@75 पुस्तक में भारत के चुनावी लोकतंत्र का गहन और सूक्ष्म अध्ययन शामिल है। यह भारतीय राजनीति के गहन विद्वानों के लिए वन-स्टॉप समाधान है। यह पुस्तक भारतीय लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को शामिल करती है और भारत में राजनीति की ऐतिहासिक घटनाओं को एक अकादमिक परिप्रेक्ष्य देती है। पुस्तक में ऐसी अवधारणाएँ और सिद्धांत हैं जो इसे एक अद्वितीय आयाम देते हैं। इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों, विद्वानों और विभिन्न संकायों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ महेश कौशिक ने किया। 

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