करूणा नयन चतुर्वेदी
दिल्ली, 4 अप्रैल। दिल्ली विश्वविद्यालय के भीम राव अम्बेडकर कॉलेज में राजभाषा समिति के द्वारा कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन कॉलेज प्राचार्य प्रो. आरएन दुबे ने किया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो. धनेश द्विवेदी और अध्यक्षता प्रो. पी सी टंडन ने किया। कार्यशाला का विषय "राजभाषा हिंदी अनुवाद के विविध क्षेत्र" था।
इस मौके पर प्रो टंडन ने कहा कि आज के समय में हिन्दी भाषा को लिखते हुए लोग हिंग्लिश का प्रयोग करने लग जा रहें हैं। इसके चलते लोगों में भाषाई अशुद्धियां बढ़ती जा रही हैं। उन्होने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी को उद्धरित करते हुए कहा कि हिंदी की बात सब करते हैं। लेकिन हिंदी में बात कोई नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा की हिंदी भाषा में असीम संभावनाएं मौजूद हैं।
छात्रों के रोज़गार संबंधी प्रश्नों पर उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दी में कॉन्टेंट राइटर, हिंदी कॉमेंटेटर आदि डेढ़ सौ नौकरियों की जानकारी मेरे पास है। जिसमें आप रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारी चयन आयोग निरंतर सरकारी विभागों में अनुवादक के आवेदन निकालता रहता है। जिससे आप किसी सरकारी विभाग में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
इस कार्यशाला का संचालन प्रख्यात मीडिया विशेषज्ञ व साहित्यकार डॉ विनीत कुमार ने किया। वहीं कार्यशाला की वीडियो और फोटोग्राफी का काम हिंदी पत्रकारिता के प्रथम वर्ष के छात्र प्रेम कुमार ने किया। कार्यशाला में महाविद्यालय के राजभाषा समिति संयोजक प्रो. राम प्रकाश द्विवेदी, हिंदी पत्रकारिता के समन्वयक प्रो. बिजेंद्र कुमार, प्रो. शशि रानी, प्रो. राजवीर वत्स आदि शिक्षक और सैंकडों विद्यार्थी उपस्थित रहे थे।
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