नई दिल्ली, 30 अप्रैल। डॉ. भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के द्वारा मीडिया की धारणा : मिथक और वास्तविकता विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री उमेश उपाध्याय थे। उन्होने अपने व्याख्यान सूचनातंत्र में प्रचलित हो रही पूर्व-प्रायोजित खबरों एवं धारणाओं की वास्तविकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक प्रो. बिजेंदर कुमार और कॉलेज के प्राचार्य प्रो.रबींद्रनाथ दुबे ने उमेश उपाध्याय का स्वागत किया। प्रो.रबींद्रनाथ दुबे ने स्वागत संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में मीडिया का स्वरूप तेजी से बदल रहा है, आज मीडिया एक विशेष से वर्ग से अलग होकर आम लोगों तक पहुंच चुका है। जिससे नेरेटिव गढ़ना अधिक आसान हो गया है। आज हम सूचनाओं के युग में रहते हैं। जहां खबरों का अंतरजाल हमारी सोचने और समझ को बहुत अधिक प्रभावित करता है। मीडिया की प्रकृति में परिवर्तन आज हमारे समाज के स्वरूप को बदल रहा है।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. बिजेंदर कुमार ने बताया कि आज हम उपभोक्ता के साथ-साथ खबरों के उत्पादक भी बन चुके हैं, लेकिन खबरों और सूचनाओं को प्रेषित करते समय उसकी सत्यनिष्ठा एवं तथ्यपरकता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। किसी भी वर्ल्ड नैरेटिव को बनाने में पश्चिमी मीडिया सबसे आगे रहती है जो दुनियाभर के सूचनातंत्र को प्रभावित करती है। अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए पश्चिमी देश स्वयं को समाज सुधारक और दूसरों को असभ्य तथा अविकसित साबित करते हैं। किंतु आज पाश्चात्य धारणा के विपरीत भारतीय मीडिया देश की दिशा एवं दशा को बदलने में पुरजोर कार्य कर रही है।
मुख्य वक्ता उमेश उपाध्याय ने मीडिया नैरेटिव को लेकर प्रचलित मिथकों से पर्दा उठाते हुए कहा कि सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया को विशेष वर्गों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो प्रभावशाली व्यक्ति होते हैं या पूंजीपति होते हैं। इन्होंने अपनी पुस्तक "वेस्टर्न मीडिया नेरेटिव ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी" का जिक्र करते कहा कि मीडिया की दुर्दशा का सबसे बड़ा कारण है, पश्चिमी प्रोपेगैंडा का विकास। तीसरी दुनिया के देशों को विश्वस्तर पर पिछड़ा हुआ दिखाने के लिए पश्चिमी देश झूठे आकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करते हैं।
कार्यक्रम के अंत में प्रो. ममता धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम का संचालन सह-संयोजिका प्रो. शशि रानी ने किया। इस मौके पर प्रो राजेश उपाध्याय, प्रो राजेश वत्स, प्रो चित्रा रानी, प्रो रामप्रकाश दिवेदी व प्रो विनीत कुमार उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment