Thursday, 29 August 2024

छात्रों के सामर्थ्य का अहसास करना शिक्षकों का परम कर्तव्य होना चाहिए : प्रो बलराम पाणी


नई  दिल्ली , 29 अगस्त। नए शिक्षण वर्ष की शुरुआत व प्रथम वर्ष के  विद्यार्थियों के आगमन के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन गुरुवार को  किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए छात्रों को कॉलेज के वातावरण से परिचित कराना, विभिन्न विभागों एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी देना और उन्हें आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए तैयार करना था।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन प्रो. बलराम पाणी रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) श्री दीपक चंद्रा को आमंत्रित किया गया। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद और कार्यक्रम संयोजिका तुष्टि भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत किया। प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद ने छात्रों को स्वागत संबोधन देते हुए कहा कि कॉलेज का समय एक स्वर्ण काल होता है जहां हमे जीवन जीने के ढंग और सामाजिक व्यवहार की कला सिखाई जाती है, जो आगे चलकर आपके सफलता का एक माध्यम बनता है।


मुख्य अतिथि प्रो. बलराम पाणी ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि हमारे देश के विद्यार्थियों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज में प्रवेश मिलना एक सौभाग्य की बात होती है। यहां पर आकर प्रत्येक विद्यार्थी गर्व महसूस करता है, जहां पर उसे ज्ञान-विज्ञान के साथ-साथ संस्कृति और विभिन्न कलाओं की शिक्षा दी जाती है। इन्होंने कहा कि एक छात्र को हमेशा ईमानदार और अनुशासित रहना चाहिए। रामायण के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि जामवंत ने जिस प्रकार हनुमान की शक्तियां याद दिलाई थी, उसी प्रकार हमारे गुरुजन विद्यार्थियों को स्वयं के सामर्थ्य का अहसास दिलाते हैं। प्रत्येक छात्र को अपने लक्ष्यों का निर्धारण करके आगे बढ़ना चाहिए, तभी अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं। विद्यार्थियों को अपने सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों जैसे खेल, शारीरिक विकास आदि पर भी ध्यान देना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय में आपको पूर्ण रूप से प्रशिक्षित और अनुभवी शिक्षक मिलेंगे, जिनसे आप ज्ञान प्राप्त कर राष्ट्र और स्व- निर्माण बेहतर ढंग से कर सकते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के द्वारा छात्रों के कौशल विकास और नैतिक मूल्यों की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है ।



कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एसीपी  दीपक चंद्रा ने कहा कि छात्रों को कॉलेज की डिग्री को औपचारिकता मात्र नहीं समझना चाहिए बल्कि हमें सभी कामों को पूरे समर्पण एवं लगन के साथ करना चाहिए। प्रतिभाएं सभी के भीतर होती हैं, उनको केवल समझने और उस क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है।


कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. तुष्टि भारद्वाज ने विद्यार्थियों को कॉलेज के प्रत्येक विभागों के बारे में, कैंटीन से लेकर स्पोर्ट ग्राउंड, एनसीसी, मीडिया लैब, हर्बल गार्डेन, सभागार, पुस्तकालय व अन्य सभी सुविधाओं का वर्चुअल वीडियो के माध्यम से परिचय कराया।


कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के सभी विभागों के प्रभारी डॉ चित्रा रानी, डॉ तूलिका सनाढ्य, डॉ रवि शंकर, डॉ एस एस चावला, डॉ अरविन्द यादव, डॉ सुनीता चाकी, डॉ आरती ढींगरा,  डॉ सोनिया अग्रवाल, डॉ तमाल दास गुप्ता, महेन्द्र सिंह कादयान, डॉ सरला भारद्वाज, डॉ आर पी द्विवेदी, डॉ के के शर्मा और अन्य प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए छात्रों के अभिभावक भी उपस्थित रहे।

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