Thursday, 19 September 2024

स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट के कार्यकर्ताओं ने सीखाया सफाई का पाठ

करुणा नयन चतुर्वेदी 


नई दिल्ली, 18 सितंबर। बीते कल दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी के बाहर जन सैलाब उमड़ा। यह सैलाब छात्र गर्जना में आया  था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के प्रत्याशियों ने इस आन्दोलन का आह्वान किया था। इस छात्र गर्जना का मुख्य उद्देश्य छात्र छात्राओं को महाविद्यालयों में आ रही परेशानियों को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखना था। 

    आंदोलन की सार्थकता केवल इसी बात से देखी जा सकती है कि इसमें छात्रों से अधिक संख्या छात्राओं की थी। एक तरफ़ प्रत्याशियों के नाम के पर्चे हवाओं में अपना करतब दिखाते हुए ज़मीन पर गिर रहे थे। वहीं ढोल नगाड़े संग प्रत्याशियों के नारे भी लग रहे थे। नारों और नगाड़ों की ध्वनियां इतनी तीव्र थी कि बगल के व्यक्ति की आवाज़ तक सुनाई न दे। आख़िर विधार्थियों के हित में आंदोलन जो आयोजित हुआ था। लेकिन इसमें एक चीज़ सबसे अलग दिखी पिछले चुनाव के मुकाबले और वह था विधार्थी परिषद का सफ़ाई अभियान। 

   दरअसल जब प्रत्याशियों के नाम के पर्चों से नॉर्थ कैंपस  प्रांगण की सड़कें पट गई। तब सामने आए स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट के कार्यकर्ता। उन्होंने स्वयं अपने हाथों से सड़कों की सफ़ाई की। इसमें प्रांत मंत्री हर्ष अत्री ने भी अपना योगदान दिया। यही किसी भी संगठन की खूबसूरती को दिखाता है। आपके अंदर यदि सेवाभाव का संकल्प है तो वह केवल एजेंडा तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। बल्कि उसका असर सड़क से लेकर संसद तक दिखना चाहिए। इससे आपके संगठन और उससे जुड़े कार्यकर्ताओं का समाज के प्रति आत्मसमर्पण दिखता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव का माहौल अपना परवान चढ़ चुका है। जो भी यहां के चुनाव के प्रत्यक्षदर्शी होंगे। उन्होंने वास्तविकता पता ही होगी। ऐसे में विधार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का सफ़ाई अभियान तमाम छात्र संगठनों के लिए एक सीख है। यदि आपके वजह से गंदगी फैलती है तो उसे साफ करने की जिम्मेदारी भी आपकी ही है।

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