Wednesday, 18 September 2024

"छात्र गर्जना" रैली में छात्रों से जुड़ी समस्याओं के निवारण की उठाई गई मांग


नई दिल्ली, 18 सितंबर। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तर और दक्षिण कैंपस में एक विशाल 'छात्र गर्जना रैली' का आयोजन किया जिसमें सैकड़ों विद्यार्थियों ने प्रतिभाग लिया, इस रैली के माध्यम से आम छात्रों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण विषयों को उठाने का काम किया गया। अभाविप के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने एकजुट होकर दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से विभिन्न मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई हेतु मांग की है। 

इस रैली के माध्यम से, अभाविप ने छात्रों के विभिन्न मुद्दों जैसे एक पाठ्यक्रम- एक शुल्क, केंद्रीकृत हॉस्टल आवंटन फॉर्म, एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, विश्वविद्यालय स्तर पर प्लेसमेंट सेल, छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास, कॉलेजों में लड़कियों के लिए एनसीसी, सभी कॉलेजों में मनोवैज्ञानिक और स्त्री रोग विशेषज्ञ, और कई अन्य मुद्दों को उठाते हुए उनके निवारण की बात कही गई। अभाविप के इस प्रदर्शन के आह्वान पर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र समुदाय ने बढ़-चढ़कर साथ दिया, यह अभाविप के नेतृत्व के प्रति विद्यार्थियों की प्रतिबद्धता का परिचायक है। 

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री एवं डूसू की पूर्व संयुक्त-सचिव शिवांगी खरवाल ने कहा कि,"अभाविप के नेतृत्व वाले डूसू ने लगातार छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास किया है और हम इनमें से कई मुद्दों का सफलतापूर्वक समाधान भी कर चुके हैं। अभाविप का यह मानना है कि डीयू प्रशासन को शिक्षा के वैश्विक मानकों के साथ तालमेल रखने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने तक अपने मांगों को आगे बढ़ाते रहेंगे ताकि डीयू के प्रत्येक छात्र एवं महिलाओं के लिए एक सुरक्षित परिसर बनाया जा सके। साथ ही उन प्रशासनिक समस्याओं का समाधान भी किया जा सके जो बड़े पैमाने पर छात्र समुदाय को प्रभावित करती हैं।"

अभाविप दिल्ली प्रदेश के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि,"छात्र गर्जना रैली  आज विद्यार्थियों की एकीकृत आवाज़ के रूप में खड़ी है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के हर कॉलेज में छात्रों की समस्याओं के निवारण हेतु बात करती है। अपनी प्रतिष्ठित साख के बावजूद, दिल्ली विश्वविद्यालय में अवसंरचनात्मक विकास की कमी, पाठ्यक्रमों में शुल्क असमानता और महिला सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कम ध्यान दिया जाना काफी गंभीर विषय है। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों के समग्र विकास एवं इन समस्याओं के निवारण हेतु कदम उठाने चाहिए।"

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