Saturday, 28 September 2024

भारतीयता की कोई भौगोलिक सीमा नहीं : रामबहादुर राय

करुणा नयन चतुर्वेदी 


नई दिल्ली, 28 सितंबर। दीनदयाल मार्ग स्थित धर्मयात्रा भवन में वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय हेमंत बिश्नोई के स्मरण में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय भारतीयता 21वीं सदी का संदर्भ था। इस व्याख्यानमाला में स्वर्गीय बिश्नोई से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से परिचित विद्वतजन उपस्थित रहे। 

हेमंत बिश्नोई को याद करते हुए एबीवीपी के पूर्व अध्यक्ष प्रो राजकुमार भाटिया ने कहा कि वह बिलकुल साफ स्वभाव के व्यक्ति थे। जैसा बोलते थे वैसा ही उनका भाव होता था। आपातकाल के समय को याद करते हुए प्रो भाटिया ने बताया कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में बहुत कम लोगों के साथ पुलिस ने बर्बरता किया था। हेमंत उनमें से एक थे। पुलिस ने उनके हाथ का नाखून तक उखाड़ दिया था। प्रो भाटिया ने बताया कि संघ में जब बड़े कार्य होते थे तो बिश्नोई उसको कवर करने आते थे। वह स्वयंसेवक के साथ पत्रकार थे।

आईजीएनसीए के अध्यक्ष पद्मश्री रामबहादुर राय ने कहा कि यदि बिश्नोई से संबंधित कुछ लिखा पढ़ा हो तो उसपर संस्मरण लिखा जाना चाहिए। भारतीयता पर अपना वक्तव्य देते हुए रायसाहब ने कहा कि भारतीयता विचार का कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। यह अनंत है। भारतीयता, राष्ट्रीयता, संस्कृति और हिंदुत्व सब एक ही हैं। रायसाहब ने कहा कि भारतीयता पर चर्चा को तीन चरणों में देखा जा सकता है। पहला 1992 में राम मंदिर आंदोलन, दूसरा 2004 में वाजपेई का चुनाव हरना और तीसरा 2014 में मोदी का चुनाव जीतना। उन्होंने कहा कि 1992 से लेकर आगे भी साहित्य, कला, विज्ञान, अनुसंधान , तकनीक और राजनीति के क्षेत्र में अब हमेशा भारतीयता की ही बात होती रहेगी। क्योंकि लोगों के अंदर जो भारतीयता सुप्त हो गई थी। उसको 2014 के बाद मोदी सरकार ने जागृत कर दिया है। 

कार्यक्रम का मंच संचालन जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार अमलेश राजू ने किया। इस कार्यक्रम में राजमणि पटेल, मनोज वर्मा, मनोज मिश्र , प्रमोद कुमार, केके तिवारी , अरुण कुमार, मनोहर सिंह, आशुतोष भटनागर और डॉ सुभाष गौतम , डॉ अनूप कुमार आदि प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

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