नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीम राव अम्बेडकर कॉलेज, हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा मीडिया में कृत्रिम मेधा के उपयोग विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवा पत्रकारों को पत्रकारिता में कृत्रिम मेधा के उपयोग की जानकारी देना और संभावनाओं को बताना रहा।
कार्यशाला के पहले सत्र में विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के वैज्ञानिक सह विज्ञान संचार विज्ञानी डॉ निमिष कपूर ने संबोधित किया और युवा पत्रकारों को कृत्रिम मेधा के उपयोग का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। डॉ कपूर ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सभी को कृत्रिम मेधा को अपने सहायक के रूप इस्तेमाल करना चाहिए। इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में बताते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल सोयाबीन की खेती में भी किया जा रहा है। मीडिया के क्षेत्र में एआई की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और पत्रकारिता जगत में इस्तेमाल होने वाले एआई टूल्स के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में कम्प्यूटर एवं कृत्रिम मेधा विशेषज्ञ डॉ सचिन कुमार का संबोधन हुआ। इस दौरान इन्होंने एआई के क्रमिक विकास पर प्रकाश डाला। एआई ने तकनीकी क्षेत्र ने मानव इतिहास को समृद्ध विकास किया है और वर्तमान समय में हर संस्था डिजिटलीकरण को अपना रही है। कृत्रिम मेधा हर कार्य को आसान बना सकती है।
कार्यशाला के दूसरे सत्र के उद्बोधन में बालेन्दु शर्मा दधीच ने एआई से पैदा होनी वाली समस्याओं के बारे में बताया। डीपफेक के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके प्रयोग से व्यक्ति के निजता का हनन हो रहा है। हाल के दिनों में एक एआई कम्पनी ने बॉलीवुड गायक अरिजीत सिंह के आवाज का दुरुपयोग किया था। इस पर अरिजीत सिंह ने मुंबई हाइकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले में उच्च न्यायालय ने उनकी आवाज के इस्तेमाल पर रोक लगाई। एआई के दौर में कई बड़ी हस्तियों के चेहरों और आवाज़ों का दुरुपयोग हो चुका है। यह चिंता का विषय है।
कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र और डीएनए, जीन्यूज के सीइओ सुशांत मोहन ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया में नौकरियां एआई के आने से नहीं जा रही हैं बल्कि एआई नहीं सीखने की वजह से जा रही है। पत्रकारिता के हालिया ट्रेंड में एआई और मशीन लर्निंग के जरिए काफी रोजगार का सृजन हो रहा है। सुशांत मोहन ने अपने कनीय भ्राताओं को जोर देकर बताया कि अगर आपको मीडिया के क्षेत्र में बेहतर कैरियर बनाना है तो एआई और अंग्रेजी भाषा को जल्द से जल्द सीखना होगा। इन्होंने विद्यार्थियों को एआई टूल्स के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वल और सरस्वती वंदना के साथ हुई। अतिथियों का स्वागत तुलसी पौध और मोमेंटो देकर किया गया। इसके बाद प्राचार्य प्रो सदानंद प्रसाद द्वारा अतिथियों का स्वागत और प्रो. शशि रानी द्वारा कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत किया गया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. चित्रा रानी और प्रो. बिजेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। कार्यशाला में मंच संचालन संकल्प और अदिति ने किया। कार्यक्रम में प्रो रामप्रकाश द्विवेदी, प्रो ममता वालिया, डॉ विनीत कुमार, डॉ राकेश कुमार, डॉ रंजीत कुमार समेत कॉलेज के सैकड़ो विद्यार्थी उपस्थित रहे।
(करुणानयन चतुर्वेदी HJMC III year)
No comments:
Post a Comment