नई दिल्ली, 16 नवंबर। 16 से 18 नवंबर तक चलने वाले पांचवें विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन का एनवायरमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एन डी एम सी कन्वेंशन सेंटर में शुभारंभ किया गया।
समिट के पहले दिन कई पर्यावरण विदों , वैज्ञानिकों और कार्यकताओं ने पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति व कृषि पर अपने विचार व्यक्त किए।पर्यावरण के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने के क्रम में वक्ताओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
पर्यावरण वैश्विक समिट में कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। सम्मानित अतिथियों में मालदीव के मत्स्य पालन और महासागर संसाधन राज्य मंत्री डॉ अमज़थ अहमद, पद्म श्री राजा लक्ष्मण सिंह भी उपस्थित रहें ।
कार्यक्रम में डा भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सदा नन्द प्रसाद सहित ईएसडीए के अध्यक्ष मेजर जनरल डॉ श्री पाल और मुख्य वक्ता पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी सहित अन्य अतिथियों ने अपने अनुभवों को साझा किया।
मुख्य अतिथि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने युवाओं को पर्यावरण के प्रति सजग करते हुए कहा कि 1952 से आज तक कई सम्मेलन हुए जिनमें विविध विचार आए, परंतु उन पर अब तक अमल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भाषण होते हैं, विचार आते हैं, लेकिन उन विचारों पर चलना आवश्यक है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि लोग आस पास के गांवों में जाएं व किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करें।
पद्म भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने रामनाथ ठाकुर के वक्तव्य को बढ़ाते हुए कहा कि न्यूयॉर्क से नई दिल्ली तक हवा बदल गई है। प्राण वायु ही आज प्राण निगल रही है। ईएसडीए के अध्यक्ष मेजर जनरल डॉ श्री पाल ने वैज्ञानिकों के पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए कई वैज्ञानिक तथ्यों को रखा। उन्होंने बताया कि घर के अंदर की हवा बाहर की हवा से चार गुना अधिक प्रदूषित होती है। उन्होंने बताया कि ऐसी तकनीक का इजाद किया गया है, जिसके उपयोग से प्रदूषक तत्वों को जैविक खाद में बदला जा सकता है।
मालदीव के राज्य मंत्री डॉ अमज़थ अहमद ने भी युवाओं को पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया। उन्होंने बताया कि प्रदूषण मालदीव की जीविका को प्रभावित करता है। राजा लक्ष्मण ने संबोधन में कहा कि हम मजदूर नहीं इस देश के कर्णधार हैं तथा हमें इस धरती का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि यही हमारी जननी है और यह हमारा कर्तव्य भी होना चाहिए। ज्ञानेंद्र राघव ने पर्यावरण बचाने के उपाय सुझाते हुए युवाओं का मार्गदर्शन किया। जल, जंगल और जमीन को बचाने का सन्देश दिया। अंबेडकर कॉलेज के प्राचार्य प्रो सदानंद प्रसाद ने कहा कि हमारे जीवन का आधार ही पर्यावरण है। जिसके दूषित होने से कई तरह की नई बीमारियों का जन्म हो रहा है।
कार्यक्रम के संचालक व प्रबंध सचिव के रूप में ईएसडीए के महासचिव डॉ जितेन्द्र कुमार नागर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ दिलजीत कौर ने किया। धन्यवाद हंसराज कॉलेज की उपप्राचार्या प्रो विजय रानी राजपाल ने किया। (सक्षम, सौभाग्य, हरिओम)
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