Wednesday, 20 November 2024

तापमान बढ़ने से समुद्री प्रजातियां खतरे में : मालदीव मंत्री


नई दिल्ली 17 नवंबर। पांचवें विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मालदीव के राज्य मंत्री डॉ अमज़थ अहमद ने बताया कि समुद्र मालदीव की जीवन रेखा है, परंतु वैश्विक तपन के कारण समुद्र का ताप बढ़ रहा है। जिसके कारण समुद्री प्रजातियाँ पलायन कर रही हैं।

तीन दिवसीय "पांचवें विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन" के दूसरे दिन का आयोजन एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन , डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज एवं हंसराज कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में देश भर से आए 110 शोधार्थियों, बुद्धिजीवियों और शिक्षकों ने समिट के दूसरे दिन पर्यावरण के विविध पहलुओं पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। समिट में उत्कृष्ट शोधपत्रों को पुरस्कृत किया गया। पर्यावरण और विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े प्रबुद्ध जनों ने युवाओं को विभिन्न विषयों पर जानकारी देते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया।

कार्यक्रम में डॉ जितेंद्र कुमार नागर , मालदीव के राज्य मंत्री अमज़थ अहमद, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के सामाजिक शास्त्र विद्यालय के डीन डा संजीव सिंह, अमेटी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो पीबी शर्मा, प्रो राज कुमार और डा गीतांजलि संगीना उपस्थित रहे।

पर्यावरण संरक्षण में महती भूमिका निभाने वाले अनुभवी वक्ताओं ने पर्यावरण को लेकर चिंता जताई । डॉ रिचिक बंदोपाध्याय ने बताया कि भारत कृषि प्रधान देश है, आज समय का तकाजा है कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से कृषि की जानी चाहिए जिससे सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा मिले। डॉ संजीत सिंह ने हिमाचल प्रदेश में हुए भूस्खलन के बारे में बताया और प्रदूषण के दुष्प्रभाव से हुए पलायन पर अपने विचार रखे। युवाओं को भविष्य के अवसरों के बारे में बताते हुए आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ गीतांजलि संगीना ने कई प्रकार की फेलोशिप से अवगत कराया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो पी बी शर्मा ने कहा कि कभी भारत में गंगा, यमुना का जल अमृत और वायु प्राण वायु थी, परंतु आज वायु ‘किलर वायु’ हो गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि कार पूल करने वालों को टोल टैक्स में छूट के साथ फास्ट लेन में चलने की अनुमति मिले। प्रो राज कुमार ने हृदय और फेफड़ों पर प्रदूषण के प्रभाव को बताते हुए प्रदूषण के खतरों से सचेत किया। ईएसडीए के अध्यक्ष मे.ज.(रिट) श्री पाल ने कई प्रकार की तकनीकों से अवगत कराया जिसके प्रयोग से प्रदूषण से बचा जा सकता है। रॉबिन सरकार ने निपुण भारत प्रोग्राम के तहत ‘शिक्षा इनिसिएटीव’ में हो रही  गतिविधियों से अवगत कराया जिसमें नागरिकों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा दिया जाना, जेल में कैदियों को शिक्षा और बच्चों को पर्यावरण संबंधी शिक्षा देना शामिल है।

(सक्षम और सौभाग्य)

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