नई दिल्ली, 16 फरवरी। अदिति महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा 17 फरवरी 2025 को कॉलेज ऑडिटोरियम में "शोध और प्रकाशन नैतिकता की समझ" विषय पर एक सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसके बाद ब्लू स्टार पब्लिकेशन के साथ इंटर्नशिप ड्राइव आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छार्जी को नैतिक शोध पद्धतियों, प्रकाशन की सत्यनिष्ठा, और शैक्षणिक प्रकाशन में करियर के अवसरों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करना था। इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के डीन (प्रशासन) प्रोफेसर (डॉ.) रमेश सी. गाँड ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया और शोध नैतिकता, साहित्यिक चोरी (प्लेज़ियरिज़म), कॉपीराइट मुद्दे और अवैध जर्नल्स पर एक व्यापक व्याख्यान दिया। उन्होंने शैक्षणिक ईमानदारी बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को उत्तरदायी शोध लेखन एवं उपयुक्त जर्नल चयन के बारे में मार्गदर्शन दिया।
मुख्य व्याख्यान के बाद एक इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने शोध पद्धतियाँ, नैतिक दुविधाएँ और अकादमिक लेखन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दूसरे भाग में ब्लू स्टार पब्लिकेशन के साथ इंटर्नशिप ड्राइव आयोजित की गई, जिसमें ब्लू स्टार पब्लिकेशन की संस्थापक, जानवी ने छात्रों को लेखन, संपादन और प्रकाशन में इंटर्नशिप के अवसरों के बारे में जानकारी दी। इस ड्राइव का उद्देश्य छात्रों को प्रकाशन उद्योग का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था, जिससे वे अपने लेखन और संपादन कौशल को निखार सकें। इस कार्यक्रम में 90 से अधिक छात्रों ने विभिन्न विषयों से भाग लिया, और कर-आधारित पंजीकरण प्रक्रिया ने सुचारू नामांकन सुनिश्चित किया।
यह सत्र छात्रओं को नैतिक शोध पद्धतियों पर आवश्यक ज्ञान प्रदान करने और प्रकाशन में करियर के अवसर उपलब्ध कराने में सफल रहा। ब्लू स्टार पब्लिकेशन के सहयोग से यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और ज्ञानवर्धक अनुभव बना। अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रोफेसर रमेश सी. गौड़, ब्लू स्टार पब्लिकेशन, और सभी छात्र प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करता है। विशेष रूप से प्रोफेसर भावना राजपूत (संयोजक), प्रतिमा (अध्यक्ष), दीक्षा (उपाध्यक्ष), और प्रोफेसर ममता शर्मा (प्राचार्य) को इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया जाता है।
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