कुंदन
नई दिल्ली, 27 फरवरी शुक्रवार, श्री गुरू नानक देव खालसा काॅलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘गुरू ग्रंथ साहिब की 21 जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘21वीं सदी में गुरू ग्रंथ साहिब : परंपरा और आधुनिकता’ था। प्रथम सत्र की संगोष्ठी का शुभारंभ खालसा कालेज के छात्रों के पंजाबी शब्द गायन ‘दीया जले अंधेरा जाए’ से किया गया। इस अवसर पर कालेज की प्रिंसिपल डा. मनमोहन कौर ने कहा कि ‘गुरू ग्रंथ साहब के अनुसार स्वस्थ्य शरीर के लिए संतुलित जीवन का बहुत बडा योगदान है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बूराई पर अच्छाई की हमेशा से जीत हुई है, अर्थात् इंसानियत की जीत हुई है। आगे कहा कि ‘आज के समय में मुख्यतः दो समस्याएं देखने को मिलती हैं। पहली समस्सा उदारीकण की है और दूसरी समस्या नयी पीढी
पूराने ज्ञान को भूल रही है। प्राचीन सभ्यता को आधुनिकता और परंपरा से जोड कर देखे जाने की जरूरत है।’ मुख्य अतिथि आम आदमी पार्टी के युवा विधायक विशेष रवि थे। रवि ने कहा कि मौजूदा समय बहुत तेज है और हम सभी उस दौड में हैं। अपने वकतव्य में आधुनिकता और परंपरा के मेल का उदाहण देते हुए बताया कि एक व्यक्ति जब बड़ी गाड़ी से उतर कर बुर्जूग आदमी का पैर छूता है तो वहां परंपरा और आधुनिकता दोनो देखने को मिलती है। इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सिख धर्म और उसके रहस्य को जानने के लिए बहुत सारी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए जो हमें सीखना चाहिए। राष्ट्रीय संगोष्ठि में कुल तीन सत्र थे जिनमें विभिन्न कालेजों से आऐ हुए सहभागियों ने अपने-अपने प्रपत्र पढें। धन्यवाद ज्ञापन वाइस प्रिंसिपल डा. डी के चावला ने किया।
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