Wednesday, 4 February 2015

आस्था के नाम पर धोखा

हर्ष भरद्वाज
मुँह में राम बगल में छुरी, अब ये कहावत सच सी लगने लगी है. भीमा नन्द ,नित्यानंद ,कृपालु महाराज, बाबा रामदेव, आसाराम, राम पाल, आखिर विवादों में क्यों फंसते जा रहे हैं. बीते कुछ दिनों से मीडिया की  यह खबर चर्चा में थी की संत राम पाल गिरफ्तार. आसाराम को हुई जेल ।
बाबा, जोगी जिन्हे हम इन नामो से पुकारते है क्या हम कभी सोच भी पाते है जिन्हे हम देवता मानने को तैयार होते है वो कभी राक्षस भी हो जायेगा. अगर हम इन बाबा के इतिहास पर नजर डाले तो ये बाबाये या तो चाय बेच रहे होते है या फिर दूध ,,,फिर ऐसा अचानक क्या हो जाता है की एक दूध बेचने वाला बाबा बन जाता है और उसके पास पार संपत्ति और समर्थक आ जाते है. क्योंकि हम उन पर विश्वास करते हैं और ये बाबा जानते है की मैंने सबका विश्वास जीता है. अगर में विश्वास  घात करूँगा तो तब भी सब मुझ पर विश्वास करेंगे भीमानंद जो प्रख्यात बाबा हुआ उसके इतने भक्त हुए अंत में वो सेक्स रेकेट में पकड़ा गया नित्यानंद को एक महिला के साथ दुष्कर्म करते हुए केसेट के जरिये पकड़ा गया कृपालु महाराज जो ८० बरस से ज्यादा के थे वो भी यौन शोषण करते हुए पकडे गए  ।
रामदेव यू तो कालाधन लेन की बात करते है पर हम ही को अभी तक ये नहीं पता की उनकी कितनी संपत्ति कालाधन बनकर विदेशो में पड़ी है. आसाराम नाबालिक के साथ बलात्कार और शोषण करते हुए पाया गया ये रूप है हमारे समाज के बाबाओ का यह विश्वास है की धर्म के नाम पर लोगो का विश्वास और पैसा कैसे कमाया जा सकता है और यही बाबा करते है पर जहाँ तक हो हमारे समाज को इन अन्धविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए जिससे कभी भी कोई किसी बाबा का शिकार न हो सके इसलिए कम से कम कई बार सोचे फिर किसी बाबा पर विश्वास करे.

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