Wednesday, 20 May 2015

शाश्वत विद्रोही राजनेता : आचार्य जे.बी.कृपलानी पर चर्चा

 मीना
16 मई 2015 को वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय द्वारा लिखित पुस्तक शाश्वत विद्रोही राजनेता आचार्य जे.बी.कृपलानी पर विशेष चर्चा का आयोजन गांधी शान्ति प्रतिष्ठान में आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा कराया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द मोहन ने पुस्तक की समीक्षा करते कहा कि यदि पुस्तक को दो भागो में बांटा जाता तो ज्यादा अच्छा होता  उन्होंने स्वयं का  उदाहरण देते हुए कहा कि जब मैंने पहले यह पुस्तक पढ़ी तो मुझे समझ नहीं आया कि यह पुस्तक लिखी क्यों गई है? फिर मैने दुबारा इस पुस्तक का परिशिष्ट पढ़ा तब कुछ समझ आया। अरविन्द जी ने यह भी कहा कि पुस्तक में उद्धरण बहुत अधिक हैं। और कुछ बातें कृपलानी जी के बारे में पुस्तक में शामिल नहीँ की गई हैं।
बनवारी जी ने आगे पुस्तक की आलोचना करते हुए कहा कि पुस्तक के नाम में जो शाश्वत विद्रोही शब्द जोड़ा गया है वह ठीक नहीं है क्योंकि कृपलानी जी शाश्वत विद्रोही नहीं थे उनमें प्यार था नम्रता थी। एक बार कृपलानी जी ने कहा कि मैं विद्रोही हूँ लेकिन उन्होंने ऐसा इस सन्दर्भ में कहा कि वो किसी के पीछे आँख मूंदकर नहीं चलते । अंत में बनवारी जी ने ऐसे कई उद्धरण बताये जिनमे कृपलानी और सरदार पटेल ,गांधी के समर्थन में रहे और दूसरी ओर जिन्ना व नेहरू इनके विरोध में भी रहे । बनवारी जी कहते हैं जो नेता गांधी के विरोध में थे वो बड़े नेता बन गए और जो गांधी के समर्थन में थे उन्हें किनारे कर दिया गया। कार्यक्रम के  अंत में अभय प्रताप द्वारा  धन्यवाद ज्ञापन किया गया.

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