मानव
दिल्ली वासियों में इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के दिन पतंगबाजी करने में काफी उत्साह देखने को मिला, परन्तु शायद इंद्र देवता की कुछ ऐसी कृपा हुई की सभी घरों के छत्तों पर सिर्फ मायूसी देखने को मिली. इसके बावजूद भी लोगों ने पतंग की जगह चीन टेक्नोलॉजी से बनी पतंग का इस्तेमाल किया. यह चीन से निर्यात की गयी नई तरह की पतंग जिसमे गर्म हवा के गुब्बारे होता है. जिसे अंग्रेजी में हॉट एयर बैलून कहा जाता हैं. असमान में दूर-दूर तक दिखते ये गुब्बारे मन में एक आज़ादी का अलग उत्साह पैदा करतें हैं. आखिर जबतक हम किसी चीज़ को आज़ादी से असमान में घुमते फिरतें नही देख लेते तब तक शायद हम
ये नहीं जान सकेंगे की आज़ादी इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों है? सवाल यह है कि क्या हम इस गर्म गुब्बारे वाले पतंग को उड़ने से ही अपनी आजादी का असली जश्न मना पाते हैं? दिल्ली में वैसे पतंग का बाज़ार इस तरह के कुछ खास मौकों पर बहुत गर्म रहता है. दिल्ली में पतंग बाज़ी में जिस धागे का उपयोग होता है वह बहुत मजबूत और केमिकल युक्त धागा होता है. पतंग कटने या टूटने के बाद उस धागे के साथ हवा में तैरते हुए किसी पेड़ या बिजली के तारों से उलझ जाता है, जो बहुत खरनाक होता है. इस उलझे हुए धागे में आजाद पंक्षी जैसे कबूतर/ कौआ आदि के पैर फंस जाते हैं और उनकी दर्दनाक मौत हो जाती है. हम अपनी आजादी के जश्न के चकर में उनकी जान ले लेते हैं. जो बेहद अमानवीय है हमें इससे बचाना चाहिए.
ये नहीं जान सकेंगे की आज़ादी इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों है? सवाल यह है कि क्या हम इस गर्म गुब्बारे वाले पतंग को उड़ने से ही अपनी आजादी का असली जश्न मना पाते हैं? दिल्ली में वैसे पतंग का बाज़ार इस तरह के कुछ खास मौकों पर बहुत गर्म रहता है. दिल्ली में पतंग बाज़ी में जिस धागे का उपयोग होता है वह बहुत मजबूत और केमिकल युक्त धागा होता है. पतंग कटने या टूटने के बाद उस धागे के साथ हवा में तैरते हुए किसी पेड़ या बिजली के तारों से उलझ जाता है, जो बहुत खरनाक होता है. इस उलझे हुए धागे में आजाद पंक्षी जैसे कबूतर/ कौआ आदि के पैर फंस जाते हैं और उनकी दर्दनाक मौत हो जाती है. हम अपनी आजादी के जश्न के चकर में उनकी जान ले लेते हैं. जो बेहद अमानवीय है हमें इससे बचाना चाहिए.
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