जागृति
सिनेमा आज के समय में हम सभी के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. यह
हमारे मनोरंजन का बहुत बडा माध्यम है. सिनेमा का आविष्कार अंग्रेजो ने किया था. आज के युग मे यदि सिनेमा के अच्छे परिणाम हैं तो उसके के
दुष्प्रभाव भी देखे जाते हैं. मनोरंजन के इस युग ने हमे बहुत कुछ सिखाया है. एक ओर कई ऐसी फिल्मे हैं
जिससे हमें सामाजिक जागरूकता का संदेश मिलता है. इनके माध्यम से एकता-अखण्ता का प्रचार एवं
प्रसार होता है. वहीँ दुसरी तरफ सिनेमा के कारण हम अपनी संस्कृति एवं
सभ्यता को भूलते जा रहे है. सिनेमा जहाँ एक ओर सामाजिक चेतना जागृत करने का काम कर रही है. वही दुसरी ओर पश्चिमी सभ्यता को बढावा देने का कार्य भी कर रही है. हमारी आज की युवा पीढी पश्चिमी सभ्यता को बहुत तेजी से अपना रही है व हमारी अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से दूर होती जा रही है. सिनेमा के दुष्प्रभावों के कारण ही हमारी युवा पीढी विभिन्न प्रकार के अपराधों को अजाम देने में संकोच नहीं करती है.
सभ्यता को भूलते जा रहे है. सिनेमा जहाँ एक ओर सामाजिक चेतना जागृत करने का काम कर रही है. वही दुसरी ओर पश्चिमी सभ्यता को बढावा देने का कार्य भी कर रही है. हमारी आज की युवा पीढी पश्चिमी सभ्यता को बहुत तेजी से अपना रही है व हमारी अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से दूर होती जा रही है. सिनेमा के दुष्प्रभावों के कारण ही हमारी युवा पीढी विभिन्न प्रकार के अपराधों को अजाम देने में संकोच नहीं करती है.
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