Thursday, 3 September 2015

आज के बेपरवाह युवा

 शिवानी भंडारी 
आज की युवा पीढी़ पढा़ई से दूर व मोबाइल, इंटरनेट, कम्प्यूटर व इलेक्ट्रानिक वस्तुओं की तरफ कुछ ज्यादा ही आकर्षित होता जा रही है. तमाम युवा इन वस्तुओं को जीवन का आवश्यक तत्त्व मानकर उसकी तरफ अपना समय व ऊर्जा नष्ट कर रहे हैं. जिस तरह इन वस्तुओं की ओर युवाओं का झुकाव होता जा रहा है, वह बेहद खतरनाक है. छात्र बारहवीं कक्षा में अच्छे अंक पाने के बाद कॉलेजों में आकर अपनी जिम्मेदारियों की तरफ ध्यान नहीं देते और इन वस्तुओं को अधिक महत्व देने लगते हैं. यह वस्तुएँ एक तरह का नशा है जो वैश्ववीकरण के द्वारा हमारे समाज में फैलता जा रहा है. आज माता-पिता की परेशानी का मुख्य कारण ये वस्तुएँ हैं, जो एक तरफ तो उन्हे बच्चों से दूर करती जा रही है वहीं दूसरी ओर पैसों की बर्बादी का कारण बन रही है. आज के युवा माता-पिता के साथ कम इन वस्तुओं के उपयोग में अधिक समय देते हैं, रात-रात भर फोन और इंटरनेट पर समय लगते जिससे उनका समय व सेहत दोनों बिगड़ रहा है. वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि इन सब का उपयोग करने वाले युवाओं में गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि जैसी समस्या बढ़टी जा रही हैं.. वर्तमान दौर में यह भी देखने को मिला की साइबर अपराध जैसी वारदातें बढ़ती जा रही है जिसके पीछे इन सब उपभोगता वस्तुओं के जिम्मेदार माना जाता है. कुछ युवा मोबाइल,
इंटरनेट, कम्प्यूटर व इलेक्ट्रानिक वस्तुओं उपयोग को फैशन का नाम भी दे देते हैं. युवा देश का भविष्य होता है लेकिन इन वस्तुओं का दुरूपयोग करेंगे तो आने वाले समय की पीढी़ पर इसका क्या असर पडे़गा?यदि आज के युवा स्वयं सही रास्ते पर नही चलेंगे तो आने वाली पीढी़ को सही राह कैसे दिखायेंगे? यदि युवा स्वयं का भविष्य अंधेरे में डालेंगे तो आने वाले युवाओं का भविष्य स्वयं अंधकारमय हो जाएगा! मेरा मानना है यदि ये वस्तुएँ जीवन के लिए आवश्यक है तो इन्हें आवश्यकता ही बनी रहने दें इन वस्तुओं की आवश्यकता स्वयं को न बनने दें! जीवन के मूल्यों की कद्र करें और जीवन में अपने भविष्य के साथ आने वाली युवा पीढी़ का भी भविष्य सहज सुलभ व आंनदमय बनाए और देश के भविष्य को आगे बढा़ए व विश्व में भारत का नाम उज्ज्वल करें!

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