कृष्णा द्विवेदी
"Love Always Hurts" जिसे भी प्यार में असफलता मिली हो, धोखा मिला हो या
जिसने अपने आसपास प्यार की कहानियों का दुखद अंत देखा हो, उनके मुंह से ये
वाक्य सुना जा सकता है. पर एक पल के लिए सोचिये की क्या सच में प्यार हमें
दुःख देता है? नहीं यह प्यार नहीं बल्कि हमारी अपेक्षाएं और उम्मीदें होती
हैं जो हमें दुःख पहुँचाती है. ये rejection होता है जो हमें hurt करता है
या फिर कहिये ये absence of love है जो हमारे दुःख का कारण बनता है. तो फिर
क्यों ना प्यार उनसे किया जाए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरुरत हो और जिनसे
बदले में कुछ मिलने की उम्मीद भी ना हो. ना रहेंगी उम्मीदें और ना
पहुंचेगी दिल को कोई भी तकलीफ. प्यार करिए प्रकृति से और उन मासूम जीवों से
जिन्हें धोखा देना नहीं आता. प्यार करिए उन जरूरतमंद लोगों से जिन्हें
सच में प्यार की बहुत जरुरत है.
क्यों ना एक दिन हम किसी अनाथालय हो आए और
अपना प्यार वहां लुटा आए. या फिर किसी वृद्दाश्रम में जाकर सूनी आँखों को
थोड़ी चमक दे आए. बिना उम्मीद का ये प्यार बाँटकर आइये और देखिये उस दिन
आप कितनी सुकून की नींद सोते हैं. अपेक्षाओं से भरे प्यार में रातें अक्सर
आँसुओं से गीले तकिए के साथ गुजरती है. जिस दिन हमें उनसे प्यार करना आ
गया जिन्हें हमारे प्यार की सच में जरुरत है उस दिन हमारी जिन्दगी से प्यार
को लेकर जो भी शिकायतें हैं वे हमेशा के लिए दूर हो जायेंगी और शायद सही
मायनों में हम प्यार का मतलब भी समझ जाएँ जिसे आज तक दुनिया की कोई भी
किताब नहीं समझा पायी.
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