सोनू चौबे
दीपावली के दिन जोरदार शुरुआत के साथ प्रदर्शित की गयी फिल्म 'प्रेम रतन धन पयो '। यह सूरज बड़जात्या के द्वारा निर्देशित है इस में सलमान ख़ान ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फ़िल्म ने बाक्स ऑफिस पर कमाई का रिकॉर्ड हासिल किया । लेकिन इसकी कहानी और पटकथा में, दोंनो के वही छाप दिखे जो आमतौर पर दर्शक देख चूकें हैं । 'प्रेम रतन धन पयो ' फिल्म की कहानी की शुरुआत उत्तर प्रदेश के विवादित स्थल अयोध्या में रामलीला टीम के हीरो 'दिलवाला' (सलमान ख़ान) से शुरुआत होती है, यह चरित्र सलमान के राजश्री प्रोडक्शन की बाकि या उनके शुरुआती फ़िल्मो के '"प्रेम" चरित्र से वाकिफ़ लगता है । भोला-भाला मस्तमौला दिलवाला (सलमान) , फ़िल्म की अभिनेत्री मिथिला राजकुमारी (सोनम कपूर) से मिलने के लिए, एक रियासत के राजा के पास पहुँच जाता है । जहाँ पर सलमान ख़ान के दूसरे रोल का आगाज़ होता है । प्रीतमपुर रियासत के दो संतान राजा विजय सिंह (सलमान ख़ान) और लंबे अंतराल के बाद (निल नितिन मुकेश) छोटे बेटे के रूप में दुसरी पत्नी से दो बेटियां, बड़ी स्वरा भास्कर जो की अपने राजशाही अधिकारों से वंचित होने की लड़ाई लड़ रही हैं ।
महत्वकांक्षा और साज़िश फ़िल्म में रोचकता एवं सस्पेंन्स बनाना चाहती है। इस फिल्म में सलमान खान का डबल रोल है । राजा के चरित्र में सलमान खान दबंग दिख रहे हैं । परिस्थितियों ने "दिलवाला" को राजा बना दिया और दिलवाला ने अपने चुलबुले अंदाज से बिखरे राज परिवार को एक कर दिया। अंततः राजकुमारी दिलवाला की होती हैं एक हैपी एंडिंग के साथ । हालांकि इरशाद क़ामिल के अल्फ़ाज ने हिमेश रेशमियाँ के साथ संगीत को देशी और जमीन से जोड़ें रखा है । अभिनय में सबने बेहतर किया है अनुपम खेर, संजय मिश्रा, दीपक डोबरियाल ने किरदार को जिया है । कहानी के अनुरूप राजस्थानी शाही घराना और शीशमहल भी मौजूद है । राजश्री प्रोडक्शन अपने अंदाज़ को बरकरार रखते हुए फ़िल्म को एक पारिवारिक रंग दिया है। कहानी का मूल संदेश यह बता रही है कि "परिवार के अंदर समस्याएँ होती हैं लेकिन खुशनसीब हैं वो लोग जिनका परिवार होता है, इसी संवाद पर यह फ़िल्म बनाई गई ।
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