Sunday, 3 January 2016

रोजगार का कोई और साधन नहीं

सोनु चौबे और बिपिन बिहारी दुबे की प्रस्तुति
"यहाँ पर नाले की सफाई से ज्यादा, इंसानो की सफाई होती है। जब भी कोई सफाई की योजना आती है सबसे पहले हम फूटपाथियों को ही साफ किया जाता है, क्योंकि हम ग़रीब किसी तरह से जीविका चला रहे है, इसलिए हमें पूछने कोई भी नही आता" ऐसा कहना है औरंगाबाद रमेश चौक के पास फुटपाथ पर  कपड़े की छोटी सी दुकान लगाने वाले आरिफ हसन का। एक फुटपाथी के रूप में आरिफ हसन की कहानी 1998 से शुरु होती है। बी. ए. पार्ट फर्स्ट तक पढाई करने के बाद जब, आरिफ को कोई रोजगार नहीं मिला तब आरिफ ने 25 हज़ार की पूंजी के साथ, यहाँ फूटपाथ पर एक कपड़े की दुकान शुरू की कुछ वर्षों में जब ऐसा लगने लगा, कि इनको जीविका का एक उचित साधन मिला तभी शुरू हुई इनकी असली कहानी, जब स्थानीय रंगदार, नगर परिषद् के ठेकेदार और पुलिस प्रशासन सब ने एक साथ आरिफ को परेशांन करना शुरू किया। दुकान लूटा जाना मारपीट होना ,आम दिनचर्या सी हो गई। इसके बावजूद आरिफ अपनी दुकान किसी तरह चलाते हैं। 2011 में तात्कालिक एस. डी. एम. द्वारा की गई बर्बरता को आरिफ सबसे भयावह और रूह कपाँ देने वाली घटना मानते है। इन्ही कारणों से आरिफ को कई बार अपने दुकान का स्थान बदलना पड़ा, हद तो तब हो गई, जब 2014 में औरंगाबाद के ही दबंग व्यक्ति ने इनके दुकान के स्थान पर अपना  फूडस्टॉल लगा दिया। और आरिफ को जबरन वहाँ से मार का भगा दिया। ऐसी स्थिति में आरिफ के परिवार के सामने भूखे मारने का संकट उत्पन्न हो गया। हालांकि कुछ समय बाद जब वह दुकान नहीं चली,तो आरिफ के काफी अनुरोध के बाद वह दबंग व्यक्ति उस स्थान पर वापस उनको दुकान लगाने दिया, लेकिन अब आरिफ अब उसे 5000 रूपए महीना देते हैं।
गौरतलब है कि इस फूटपाथ के बिलकुल पीछे ही नगर परिषद का शॉपिंग काम्प्लेक्स है, जहाँ आज भी 500-600 प्रति महीने के सरकारी किराये पाए दुकाने चलती हैं। लेकिन इस फूटपाथ पर जहाँ आरिफ ने पहले शुरू किया, बाद में किसी दबंग ने कब्ज़ा लिया और वापस आरिफ को दिया 5000 रूपए प्रति महीने के किराये पर, पूछने पर आरिफ कहते है, "क्या करें पापी पेट का सवाल है, नहीं दुकान चलाएंगे तो घर में पत्नी है, 4 बच्चे हैं, कैसे खाएँगे ?  नरोजगार का कोई और साधन भी तोहीं, इसीलिए किसी तरह गाली, लात -जुत्ता खा कर भी दुकान चलाते हैं । जीना है तो सहना पड़ेगा .
(तो यह कहानी थी बिहार के औरंगाबाद के फुटपाथी दुकानदार आरिफ हसन की )

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