राम नरेश
हमारे "माननीय रेल मंत्री" ने कुछ माह पहले बादे किये थे कि रेल में साफ़ सुथरी सीटें होंगी, फर्श साफ होगा, पिने का पानी स्वच्छ होगा और शौचालय पर ज्यादा ज़ोर देरकर कहा था कि अब से बहुत साफ़ सुथरी होगी। आज जब मैं ट्रेन की टिकट कराने "रेल आरक्षण केंद्र" 'सरोजनी नगर' आया तो देखा की शौचालय इतनी गन्दी और टूटी-फूटी हालत में की लोग वहां खड़ा होकर शौच नही कर सकते। शौचालय में हाँथ धोने के लिए पानी व्यवस्था भी नही थी। पीने का पानी बहुत धीमी गति से आ रहा था। जगह-जगह स्वछता अभियान का बोर्ड और बैनर नज़र जरुर आरहा था।
आज सरोजनी नगर रेल आरक्षण केंद्र देख कर ऐसा लगा यहाँ अगर हालत ऐसी है तो ट्रेन में तो और भी गंदी स्तिथि होगी, इस बार भी बादे सिर्फ बादे ही रहेंगे पिछली सरकार की तरह। सुविधा के नाम पर ट्रेन का किराया दिन पर दिन बढ़ाया जा रहा है और आम जनता को कोई सुविधा नहीं दिया जरहा है। आज भी किसी आदमी को टिकट पहले चाहिए तो उसे रात को ही आकर लाइन लगानी पड़ेगी नही तो 3-4 टिकट के बाद रिजर्वेशन फूल हो जाता है। कई बार तो लोगों को 2-2 दिन तक इंतज़ार करना पड़ता है, अपने पारी के आने का। रेल अधिकारी बिक्लांगों से अच्छे से बात तक नहीं करते हैं। टिकट केलिए कभी इस काउंटर पर तो कभी उस काउंटर पर दौड़ाया जाता है। क्या अच्छे दिन आ गए ? मैं किसी पार्टी के पक्ष में नही बोल रहा । सिर्फ इतना चाहता हूँ कि जो बड़े-बड़े सपने दिखाएँ हैं उन में से कुछ तो पुरे किये जाए, आम जन की सुबिधा के लिए।
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