संदीप कुमार राय
शांति और कांति एक ही सिक्के की दो बाजुएं हैं . जो कांति शांतिमय तरीकों से न हो वह पूर्ण नही हो पाती . सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय शांति और कांति में महामिलन में सहयोग देने का नम्र प्रयास है . विद्यालय का उद्देश्य है शांति के चाहको को कांति की अनिवार्यता तथा कांति के प्रेमियों को शांतिमय साधनों की अपरिहार्यता का प्रयत्न करना . विद्यालय ने अपने काम की मर्यादा प्रशिक्षण की मानी है . संगठन , रचना , विकास इत्यादि कामों में न पड़ते हुए अपनी सारी प्रवृत्ति प्रशिक्षण के क्षेत्र पर केंद्रित करना ही विद्यालय का लक्ष्य है . ग्रामीण स्तर के कार्यकर्ताओं की तालीम से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण वर्ग तक स्त्री - पुरुषों के प्रशिक्षण में विद्यालय की रूचि है . मानवीय मूल्यों में गहरी निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित कर नए सम्बन्धो , नए संगठन एवं नई समाज रचना बनाने के क्रन्तिकारी कार्य में सहायक बनने का प्रयास विद्यालय सदैव करता रहा है . व्यक्तिगत गुण विकास एवं साधना के बिना तालीम के कार्यकर्त्ता की वह जमात पैदा नही की जा सकती जो समाज परिवर्तन के काम में क्रन्तिकारी योगदान दे सके . सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय अपनी शक्ति के अनुसार इस आवश्यकता की पूर्ति करना चाहता है . दक्षिण गुजरात के सूरत जिले में वेडछी एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही अहिंसक क्रांति की साधना हुई है . स्वर्गीय श्री जुगतराम दवे ने इस आदिवासी क्षेत्र की सेवा के लिए अपनी धूनी रमाई है . और उनके इस कार्य से आसपास के अनेक स्थानों में रचनात्मक प्रवृतियों के नाना प्रकार के केंद्र विकसित हुए हैं . वेडछी की शांत क्रांति सम्पूर्ण कांति विद्यालय के लिए अनुकूल भूमि देती है .1982 के जनवरी माह में प्रख्यात दिवंगत गांधीवादी नारायण भाई देसाई ने वेडछीआकर सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय द्वारा प्रशिक्षण के काम में ध्यान केंद्रित करने का तय किया था . वह सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय के माध्यम से श्रम , समूह जीवन , समाज में काम तथा विद्या का सन्तुलित वातावरण बनाना चाहते थे .इस आशय से विद्यालय ऐसा वातावरण का निर्माण करना चाहता था जहाँ श्रम की प्रतिष्ठा हो , मानव का गौरव हो , मनुष्य - मनुष्य के बिच भेदभाव बढ़ाने वाले जाति , सम्प्रदाय , रंग , लिंग आदि के भेदों से ऊपर उठकर मानव विश्व नागरिक बनने का प्रयत्न करता हो.
नारायण देसाई का मानना था की शारीरिक , मानसिक , नैतिक एवं आध्यात्मिक गुणों के विकास के लिए अवसर हो .सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन यानि गांधी जी के द्वारा सिखाये हुए अहिंसक तरीकों से समाज परिवर्तनकारी आंदोलन के लिए कार्यकर्ताओं की जमात खड़ी करना तथा कार्यकर्ताओं को अपनी निष्ठाएं , जानकारी तथा कौशलों में ताज़ा करना यह सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय का प्रमुख उदेश्य है . इस उदेश्य को पूरा करने के लिए कार्यकर्ता शिविर एक बड़ा साधन है . आज विद्यालय के पास कार्यकर्ता निवास , विद्यालय , भोजनालय , छात्रावास तो है परन्तु इस समय विद्यालय की सबसे बड़ी आवश्यकता ऐसे तरुण साथीयों की है , जो विद्यालय के दैनंदिन कामों को करने में मदद कर सके तथा व्यवस्था सम्बन्धी कामों के लिए दौड़धूप कर सके . आज विद्यालय को ऐसे साथियों की जरूरत है जो निष्ठावान भी हों और कार्य कुशल भी हों . सम्पूर्ण क्रांति का स्वप्न यही है की लोकशक्ति को कार्यक्षम बनाने के इस मानव कल्याणकारी काम में वह अपनी शक्ति मति अनुसार ठोस सहयोग दे सके .
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