युनुस खान
23 जुलाई सन 1927 में आज ही दिन मुंबई से भारत में रेडियो प्रसारण शुरू हुआ था। रेडियो ने हमारी दुनिया में बहुत सार्थक बदलाव लाए हैं।अद्भुत बात ये है कि अंग्रेजों को भी नहीं पता था कि यही रेडियो उनके खिलाफ जनचेतना लगाने का माध्यम बन जाएगा। आज़ाद हिंद रेडियो ने कमाल का काम किया था उन दिनों। और फिर आज़ादी के बाद रेडियो ने गांव-गांव तक पहुंच बनायी। रेणु की पुस्तक 'मैला आंचल' में महात्मा गांधी की हत्या के बाद के रेडियो प्रसारण का कैसा मार्मिक विवरण है। रेडियो ने साहित्य, संगीत, खेलों से लेकर हर विषय पर दस्तावेज़ीकरण किया है।
शुक्र है कि रेडियो ने मेरी अपनी जिंदगी में सार्थक भूमिका निभायी। पढ़ाई के जमाने से रेडियो जिंदगी में आया और फिर जिंदगी रेडियो में आ गयी। आज मैं रेडियो की एक आवाज़ हूं। रेडियो शुक्रिया। दोस्तो शुक्रिया।
रेडियो जिंदाबाद।
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