Saturday, 24 December 2016

समाजवादी चिंतक सुरेंद्र मोहन स्मृति सभा में समाजवादियों की भूमिका पर चर्चा

राम नरेश 
सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक सुरेंद्र मोहन जी की छठवीं स्मृति सभा के दौरान वर्तमान परिदृश्य में समाजवादियों की भूमिका विषय पर चर्चा आयोजित की गयी प्रो. प्रेम सिंह ने सुरेंद्र जी को याद करते हुए कहा कि वह एक बहुआयामी पुरुष थे. उन्होंने जो अपने समय में कर दिखाया और जिस प्रकार के वह समाजवादी कर्मठ कार्यकर्ता थे ऐसा आने वाले समय में मुश्किल से मिलेंगे. कोई भी विचार सांगठनिक ढांचे के बगैर नही चल सकता है. आरएसएस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस परिघटना ने देश के टुकड़े कर दिए हम कैसे नही कह सकते की वह आगे फलेगा.फूलेगा नही । राज्यसभा सांसद शरद यादव कहा कि सुरेन्द्र जी बहुत ही सरल और सहज तरीके से अपनी बात रखने वाले व्यक्तियों में से थे. वह किसी के भी साथ बैठकर फितरत बना लेते थे ।
आज के परिदृश्य को ध्यान में रखकर सत्ता में बैठे बीजेपी सरकार को आड़े हाँथ लेते हुए कहा कि अपने लोग वह अपने सांसदों के पुराने नोटों को पहले ही बदलवा दिए और भोली भाली जनता को परेशान करने के लिए यह नोटबंदी का ऐलान किया और खा की गरीब जनता का पैसा लूटा जा रहा है और छापे में भ्रष्टाचारियों के पास से नई नकदी बरामद हो रही है. लोग अपने ही रुपयों के लिए दर.बदर भटक रहे हैं और अपना समय भी खराब कर रहे हैं । आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि सुरेन्द्र जी के बारे में मैं क्या बताऊँ मेरे पिता जी उनके साथ आम जनता के लिए सत्ता में बैठी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा चुके थे ऐसा मैंने अपने पिता जी से सुना था सुरेन्द्र जी बहुत ही दिग्गज पुरुष थे।
समाजवादियों की भूमिका का जिक्र करते हुए कहते हैं कि समाजवादियों की आज देश में दो भूमिका है एक वो जो अपनी अपनी विचारधारा भूलकर विलुप्त होते जा रहे हैं । साथ ही दूसरे वह लोग हैं जो आज सत्ता में बैठे हैं । आज इस देश में धर्मनिरपेक्षता पर बहुत हमला हो रहा है भारत को धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने इस पर सवाल उठा दिये हैं । सभी समाजवादियों ने सत्ता में बैठी सरकार के नोटबंदी का कड़ा विरोध किया है और जनता को नोटबंदी के नाम पर सिर्फ परेशान किया जा रहा है.

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